Rajasthan : रीको औद्योगिक गलियारे के लिए निजी भूमि ले सकेगा, बदले में 25 प्रतिशत हिस्सा विकसित कर काश्तकार को लौटाना होगा
Rajasthan News : राज्य में निजी/काश्तकारों की भूमि लेकर औद्योगिक गलियारे बनाने के लिए राज्य सरकार 'भूमि एकत्रीकरण नीति' लेकर आई है। भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 की जटिल प्रक्रिया के कारण राज्य सरकार किसी भी निजी भूमि का अधिग्रहण नहीं कर पा रही थी। अब नई नीति के तहत राज्य से निकलने वाले एक्सप्रेस-वे और डीएमआईसी के आसपास की निजी भूमि ली जाएगी।
इनमें औद्योगिक गलियारे बनाए जा सकेंगे। उद्योग विभाग इच्छुक किसानों से कम से कम 100 बीघा भूमि लेगा। जमीन पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करेंगे और उसी जमीन में 25 प्रतिशत हिस्सा किसान को वापस देंगे। दिसंबर में प्रस्तावित इन्वेस्टर मीट के मद्देनजर भी इस नीति को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। नीति को रीको बोर्ड ने मंजूरी दे दी है और प्रस्ताव नगरीय विकास एवं राजस्व विभाग को भेज दिया गया है।
हैंडीक्राफ्ट पार्क, स्टोन क्योरिंग पार्क, इलेक्ट्रॉनिक वूलस्टर, रेयर अर्थ मेटल थीम पार्क, मेगा लेदर पार्क, डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग पार्क, सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क, ईवी-ऑटो कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरिंग पार्क, रिन्यूएबल एनर्जी मैन्यूफैक्चरिंग एवं रिसाइक्लिंग पार्क बनाने की घोषणा की गई थी। लेकिन जब उद्योग विभाग ने आंकलन किया तो सामने आया कि इसके लिए करीब 15 हजार एकड़ जमीन की जरूरत है। लेकिन प्रदेश में ऐसी सरकारी जमीन नहीं मिली जहां कनेक्टिव इंफ्रास्ट्रक्चर वाली जमीन हो, इसलिए सरकार अब निजी जमीन अधिग्रहण करने की तैयारी कर रही है।
जवाहरलाल नेहरू पोर्ट, अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे तक जाने वाले वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के आसपास किसानों से जमीन ली जाएगी। इसके लिए उद्योग विभाग में सलाहकार (इंफ्रा) की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जाएगी, जिसमें वित्तीय सलाहकार, जीएम सिविल, जीएम बीपी, एसटीपी, यूनिट हेड और ओएसडी लैंड शामिल होंगे। किसान द्वारा आवेदन किए जाने के बाद कमेटी जमीन का निरीक्षण कर जमीन का चयन करेगी और आगे की प्रक्रिया शुरू करेगी।