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रक्षा बंधन पर इस बार रहेगा भद्रा का साया, जाने राखी बांधने का शुभ समय

Raksha Bandhan 2024 : रक्षाबंधन का त्योहार सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती  है. आपको बता दें कि इस बार रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया है।

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रक्षा बंधन पर इस बार रहेगा भद्रा का साया, जाने राखी बांधने का शुभ समय

Raksha Bandhan Time : रक्षाबंधन का त्योहार सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. रक्षाबंधन का त्योहार 19 अगस्त, श्रावण पूर्णिमा, सोमवार को मनाया जाएगा। इस बार भद्रा का साया रहेगा, लेकिन यह दोपहर 1:31 बजे तक रहेगा। इसके बाद पूरे दिन राखी बांधी जा सकेगी। इस दिन महाकाल की श्रावण, भादौ मास में निकाली जाने वाली सवारियों के क्रम में पांचवीं सवारी निकाली जाएगी। ज्योतिषाचार्य पं. अजय कृष्ण शंकर व्यास का मत है कि भद्रा का पाताल में वास होने से यह अशुभ नहीं होता। इसी दिन से पंचक भी लग रहा है। 19 अगस्त की सुबह श्रवण नक्षत्र के बाद धनिष्ठा नक्षत्र होने से राज पंचक रहेगा और इसे अशुभ नहीं माना जाता।

ज्योतिबिंद पं. आनंदशंकर व्यास के अनुसार भद्रा काल में उपाकर्म किया जा सकता है। इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है। इस दिन ऋग्वेदी, यजुर्वेदी ब्राह्मण उपाकर्म करेंगे। दोपहर 1 बजे तक भद्रा रहेगी। इस दिन श्रवण नक्षत्र, पूर्णिमा और सोमवार होने से सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। साथ ही व्रत की पूर्णिमा भी इसी दिन रहेगी। 

शुभ आरंभ रक्षाबंधन महामंत्र... भद्रा... 

तिथि, वार, योग, करण और नक्षत्र को मिलाकर पंचांग बनता है। पं. • पांडेय के अनुसार करण तिथि का आधा भाग कहलाता है। विष्टिकरण को ही भद्रा कहते हैं। इसे शनिदेव की बहन भी कहा गया है, इसलिए रक्षाबंधन और होलिका दहन के समय भद्रा का होना वर्जित माना गया है। दोपहर से रात तक सर्वार्थ सिद्धि योग हैं। 

रक्षाबंधन का शुभ समय

दोपहर 2:06 बजे से रात 8:09 बजे तक सबसे उत्तम रहेगा।

पूरे दिन शोभन योग, ब्राह्मण श्रावणी उपाकर्म करेंगे...इस दिन ब्राह्मण वर्ग वर्ष होगा

इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग भी रहेगा। भद्रा काल में होने पर यह योग अधिक प्रभावशाली नहीं रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि सुबह 5:53 बजे से 8:10 बजे तक रहेगी। रवि योग सुबह 5:53 बजे से 8:10 बजे तक रहेगा। इस दिन ब्राह्मण वर्ग अब तक किए गए पापों का प्रायश्चित करने के लिए दस गुना स्नान करेंगे, नया जनेऊ पहनेंगे और श्रावणी अनुष्ठान करेंगे। इस दिन बहनें ही नहीं बल्कि गुरु और शिष्य भी परस्पर रक्षा की भावना से रक्षा सूत्र बांधते हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार रक्षाबंधन के दिन श्रवण नक्षत्र, पूर्णिमा और सोमवार होने से सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। साथ ही व्रत की पूर्णिमा भी होने से इस दिन का महत्व और बढ़ जाएगा।

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