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Success Story: छोटी सी जगह से हुई शुरुआत, आज बन गई हजारों करोड़ की कंपनी

UNO Minda ki Success Story : यूनो मिंडा ने पहले से ही अच्छी सामग्री का उपयोग करने का निर्णय लिया था, हालांकि अन्य कंपनियां कार और दोपहिया वाहनों के लिए कई तरह के ऑटो पार्ट्स बनाती हैं। निर्मल कुमार के पिता ने 1958 में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक छोटे से वर्कशॉप में कारों और दोपहिया वाहनों के लिए कई तरह के ऑटो पार्ट्स बनाने की शुरुआत की थी। यह कंपनी पहले से ही मोटरसाइकिलों के लिए अच्छे इलेक्ट्रिक भाग बनाती रही है।
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Success Story: छोटी सी जगह से हुई शुरुआत, आज बन गई हजारों करोड़ की कंपनी

Success Story : सफलता का असली उपाय मेहनत है। एक व्यक्ति ने यह बात सच कर दी है। हम निर्मल कुमार मिंडा, चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, यूनो मिंडा, एक ऑटो पार्ट्स उत्पादक कंपनी की बात कर रहे हैं। जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से बहुत कुछ पाया है। इस खबर से निर्मल कुमार मिंडा की सफलता की कहानी जानें।

हुरुन इंडिया रिच लिस्‍ट में बनाई, अपनी जगह

हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2024 में मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी और एशिया के अरबपतियों की राजधानी बताया गया है। इस लिस्ट के अनुसार, मायानगरी की लिस्ट में लगभग 386 अमीर हैं। इसमें रिलायंस जियो के चेयरमैन मुकेश अंबानी का घर भी है। पहले मुंबई, फिर नई दिल्ली और हैदराबाद आते हैं। आपको बता दें कि गुड़गांव में हुरुन लिस्ट में जगह बनाने वाले 23 अमीर हैं। निर्मल कुमार मिंडा भी इन 23 अमीरों में दौलतमंदों में है।

एक साल में इतनी बढ़ी, संपत्ति

संपत्ति के मामले में निर्मल कुमार मिंडा, यूनो मिंडा नामक ऑटो पार्ट्स बनाने वाली कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, किसी से कम नहीं हैं। वह हरियाणा के गुरुग्राम में सबसे अमीर लोगों में शामिल हैं। उनकी संपत्ति पिछले एक साल में सातवें आसमान पर चढ़ गई है। अब उनकी संपत्ति 68% बढ़ी है। जो उनकी लगन और मेहनत का परिणाम है। अब उनकी संपत्ति 30,800 करोड़ रुपये है। यह कहना गलत नहीं होगा कि अब उनकी कंपनी का मूल्य 66,904 करोड़ रुपये है।

इस प्रकार बढ़ाया, उन्होंने अपना कदम

यूनो मिंडा ने पहले से ही अच्छी सामग्री का उपयोग करने का निर्णय लिया था, हालांकि अन्य कंपनियां कार और दोपहिया वाहनों के लिए कई तरह के ऑटो पार्ट्स बनाती हैं। निर्मल कुमार के पिता ने 1958 में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक छोटे से वर्कशॉप में कारों और दोपहिया वाहनों के लिए कई तरह के ऑटो पार्ट्स बनाने की शुरुआत की थी। यह कंपनी पहले से ही मोटरसाइकिलों के लिए अच्छे इलेक्ट्रिक भाग बनाती रही है। 1977 में निर्मल मिंडा ने मार्केटिंग डिवीजन में इस पारिवारिक संस्था में प्रवेश किया था । कंपनी ने निर्मल मिंडा की वाणिज्यिक और व्यापारिक क्षमता से नई ऊंचाई हासिल की।

अब कंपनी की हैं, 73 यूनिट

आज यूनो मिंडा एक बहुत ही प्रसिद्ध कंपनी बन गई है। 2020 से, यह कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लाइट और सेंसर जैसे भाग भी बनाने लगी है। निर्मल मिंडा आज यूनो मिंडा ग्रुप का अध्यक्ष हैं। इन्हें कई स्तरों पर पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्हें 'हरियाणा रत्न पुरस्कार' दिया गया है, जो उनके सामाजिक और व्यावसायिक योगदान को सम्मानित करता है। अब इनकी कंपनी के 70 से अधिक देशों में कारखाने हैं। अब वे अरबपतियों में गिने जाते हैं। इनकी संपत्ति वर्तमान में लगभग 3 अरब डॉलर की बताई जा रही है।

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