Success story: गरीबी में बसों में बेचे पैन, फिर बना दी 2300 करोड़ की कंपनी

Business Success Story Hindi : दृढ़ता और मेहनत से किसी भी चुनौती को पार कर सफलता मिल सकती है। कुंवर सचदेव की कहानी एक उदाहरण है कि मुश्किलों में भी सफलता मिल सकती है। उनके पिता रेलवे में क्लर्क थे, और परिवार की अर्थव्यवस्था खराब थी। कुंवर ने प्राइमरी पढ़ाई एक प्राइवेट स्कूल से की, लेकिन उनके पास पर्याप्त धन नहीं था, इसलिए उन्हें सरकारी स्कूल में आगे की पढ़ाई करनी पड़ी। डॉक्टर बनने का सपना देखने वाले कुंवर को मेडिकल एंट्रेंस में हार हुई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
पढ़ाई के लिए बेचना पड़ा पेन
कुंवर ने अपनी पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए घर-घर जाकर पेन बेचे। यह कठिन काम करते समय, उन्होंने जीवन के संघर्षों का सामना करते हुए ठान लिया कि कुछ बड़ा करेंगे। उन्हें अपनी मेहनत ने आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
ऐसे की बिजनेस की शुरुआत
पढ़ाई पूरी करने के बाद कुंवर ने मार्केटिंग विभाग में एक केबल कंपनी में काम शुरू किया। यहीं पर उन्हें पता चला कि भारत में केबल बिजनेस बड़ा मुनाफा कर सकता है। उन्हें इस विचार ने नौकरी छोड़कर अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने की प्रेरणा दी।
इनवर्टर बनाने का आया आइडिया
कुंवर सचदेव के घर में एक इनवर्टर था जो बार-बार खराब हो जाता था। एक दिन, उन्होंने खुद उसे खोला और पाया कि खराब सामान की वजह से समस्या हो रही थी। इस घटना ने उन्हें खुद का इनवर्टर बनाने का विचार दिलाया। 1998 में उन्होंने अपनी कंपनी का नाम "सु-काम पॉवर सिस्टम" (Su-Kam Power System) रखा।
आज है करोड़ो का कारोबार
कुंवर सचदेव की कंपनी अब कई सोलर उत्पाद बनाती है, जिनकी मांग भारत और अन्य देशों में बढ़ रही है। आज उनकी कंपनी लगभग 2300 करोड़ रुपये की है, और उनके सोलर उत्पाद दिन में 10 घंटे तक बिजली दे सकते हैं।
मेहनत और दृढ़ता सफलता की चाबी
कुंवर सचदेव की कोशिशों का परिणाम है कि उनकी कंपनी के उत्पादों को अब तक भारत के एक लाख से अधिक घरों में स्थापित किया गया है। उनकी कहानी हमें बताती है कि कोई भी सपना सच हो सकता है अगर मन में ठान लिया जाए। उन्होंने दिखाया कि कठिनाइयों के बावजूद मेहनत और दृढ़ता से सफलता मिल सकती है। उनकी कहानी यह सिखाती है कि हमारे लक्ष्यों को पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है।