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ग्राहकों को SBI ने दिया बड़ा झटका, ब्याज दरों में हुआ इजाफा, EMI हुई महंगी

SBI Home Loan : भारतीय स्टेट बैंक के करोड़ों ग्राहकों के लिए बड़ी अपडेट सामने आई है. अगर आप भी भारतीय स्टेट बैंक के ग्राहक है तो यह खबर आपके लिए जरूरी भी है. भारतीय स्टेट बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट आफ लेडिंग रेट्स मैं बढ़ोतरी की है. इस बढ़ोतरी के बाद करोड़ ग्राहकों को सीधा इफेक्ट होने वाला है.
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ग्राहकों को SBI ने दिया बड़ा झटका, ब्याज दरों में हुआ इजाफा, EMI हुई महंगी

State Bank of India : अगर आप भी भारतीय स्टेट बैंक के यूजर है तो आपके लिए बड़ी अपडेट सामने आई है. भारतीय स्टेट बैंक के इस फैसले के बाद ग्राहकों को तगड़ा झटका लगने वाला है. भारतीय स्टेट बैंक में लोन पर अपनी ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. भारतीय स्टेट बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट आफ लेडिंग रेट्स में बढ़ोतरी करने के बाद होम लोन के साथ-साथ सभी प्रकार के लोन महंगे होने वाले हैं.

15 अगस्त 2024 को भारतीय स्टेट बैंक ने MCLR मैं बदलाव किया है. SBI बैंक की तरफ से MCLR में लगातार तीसरे महीने बदलाव किया है. भारतीय स्टेट बैंक का मार्जिनल कॉस्ट ऑफ़ लेडिंग रेट्स अब 9 फीसदी से बढ़कर 3 साल के लिए 9.10  फीसदी हो गया है. इसके अलावा अगर बात करें अगर ओवर नाइट MCLR की तो यह 8.10 फीसदी से बढ़कर अब 8.20 फीसदी तक पहुंच गया है. 

होम लोन में क्या पड़ेगा फर्क 

भारतीय स्टेट बैंक ने अपने MCLR में जून 2024 में कुछ अवधियों में 30 हजार अंक तक बढ़ोतरी की थी. इसका होम लोन से क्या संबंध है. आपको बता दें कि भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने टॉप-अप होम लोन के मामले में बैंकों और एनबीएफसी द्वारा विवेकपूर्ण नियमों का पालन नहीं करने पर चिंता व्यक्त की है। इसे इस बात के साथ जोड़ा गया कि टॉप-अप लोन में व्यक्तिगत कर्जों में सबसे अधिक बढ़ोतरी हुई थी, विशेष रूप से होम इक्विटी या घरों के क्षेत्र में।

क्या हैं MCLR दरें?

1. ओवरनाइट: 8.10 फीसदी से लेकर 8.20 फीसदी तक
2. एक महीना: 8.35 फीसदी से लेकर 8.45 फीसदी तक
3. तीन महीने: 8.40 फीसदी से लेकर 8.50 फीसदी  तक
4. छह महीने: 8.75 फीसदी से लेकर 8.85 फीसदी तक
5. एक साल: 8.85 फीसदी से लेकर 8.95 फीसदी तक
6. दो साल: 8.95 फीसदी से लेकर 9.05 फीसदी तक
7. तीन साल: 9.00 फीसदी से लेकर 9.10 फीसदी तक

क्या हैं MCLR

रिजर्व बैंक ने MCLR नामक एक प्रणाली विकसित की है जो कॉमर्शियल बैंक्स की लोन ब्याज दर निर्धारित करती है। एमसीएलआर न्यूनतम दर है जिसके नीचे कोई भी बैंक ग्राहक लोन नहीं दे सकता है। यह स्पष्ट है कि यदि इसमें बदलाव किया जाता है, तो EMI पर असर पड़ना तय है। MCLR बढ़ता है, लोन पर ब्याज भी बढ़ता है।
 

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