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RBI: लोन नहीं भर पा रहे लोगों के लिए बड़ी खबर, अब बैंक नहीं कर सकेगा परेशान

RBI New Guidelines for Loan : 750 से कम सिबिल स्कोर बुरा होता है, 600 से कम अच्छा होता है। खराब सिबिल स्कोर में बैंक लोन नहीं देंगे और लोन मिलने पर ब्याज दरें अधिक होंगी, जबकि अच्छे स्कोर का लाभ यह है कि लोन मिलने में आसानी रहती है और ब्याज दरें भी कम होंगी।
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RBI: लोन नहीं भर पा रहे लोगों के लिए बड़ी खबर, अब बैंक नहीं कर सकेगा परेशान

RBI Rules : लोन डिफॉल्ट नई बात नहीं है, लेकिन ग्राहकों को इससे जुड़ी समस्याएं बहुत मुश्किल होती हैं। आरबीआई ने बैंकों को नई दिशा-निर्देश जारी करते हुए लोन न भर पाने वाले ग्राहकों को परेशान करने की मनमानी पर शिकंजा कस दिया है। ग्राहकों को इससे राहत मिल रही है। ग्राहक को लोन या क्रेडिट कार्ड का बिल नहीं चुकाने पर डिफॉल्टर घोषित किया जाता है। बैंकों को अब डिफॉल्ट करने से पहले आरबीआई के नियमों का पालन करना होगा।

लोन रिकवरी के नियम

अब रिकवरी एजेंट लोन नहीं भर सकेंगे। आरबीआई के निर्देशों के अनुसार, लोन नहीं भरने वाले व्यक्ति को सुबह 8 बजे से पहले और शाम 7 बजे के बाद फोन नहीं किया जा सकता। रिकवरी एजेंटों और बैंकों के लिए भी आरबीआई ने सख्त नियम बनाए हैं। आरबीआई ने इस बारे में विशेष नोटिफिकेशन जारी किया है जो बैंकों, वित्तीय संस्थानों और गैर बैंकिंग फंडिंग कंपनियों (NBFC) और एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनीज (ARC) की रिकवरी के मामलों में पूरी तरह से पालन करने के लिए है। कर्जदारों को गलत संदेशों, प्रताड़ित करने, दुर्व्यवहार करने या धमकी की कोई शिकायत नहीं होगी। बैंकों और लोन देने वाले संस्थानों की भी यह जिम्मेदारी होगी कि कर्जदार को अज्ञात संख्या से फोन नहीं किया जाए। ऋण वसूलने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने पर भी विचार करें।

कर्जदारों को ये विकल्प मिलते हैं

किसी बैंक से लोन लेन पर भुगतान नहीं करने वाले ग्राहक को डिफाल्टर माना जाता है। इससे सिबिल स्कोर उलट जाता है। बैंकों से लोन लेने का कोई मौका नहीं है जब सिबिल स्कोर ही खराब हो जाता है। यदि लोन मिल गया भी तो ब्याज दरें बहुत अधिक होंगी। लोन लेने वाला व्यक्ति इस स्थिति में परेशानी से बचने के लिए अपने कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल कर सकता है। लोन डिफॉल्टर लोन की छोटी पेमेंट कर सकते हैं, इसके अलावा अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारकर लोन चुकाने की ओर बढ़ सकते हैं।

लोन को फिर से शुरू करने का विकल्प चुन सकते हैं

आप 10 लाख रुपये का लोन चुकाने में असमर्थ हो रहे हैं, तो आप बैंक मैनेजर से बात करके इसे फिर से शुरू कर सकते हैं। ऐसा करने के लिए, हालांकि, लोन की आधी राशि, यानी पांच लाख रुपये एक साथ भरने पड़ेंगे। इसके बाद आप बाकी का लोन छोटी-छोटी ईएमआई या किस्तों में भर सकते हैं।  लोन को डिफाल्ट होने से बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। इससे क्रेडिट स्कोर बहुत खराब हो जाता है और फिर लंबे समय तक नहीं सुधरता।

सिबिल स्कोर को सुरक्षित रखें

750 से कम सिबिल स्कोर बुरा होता है, 600 से कम अच्छा होता है। खराब सिबिल स्कोर में बैंक लोन नहीं देंगे और लोन मिलने पर ब्याज दरें अधिक होंगी, जबकि अच्छे स्कोर का लाभ यह है कि लोन मिलने में आसानी रहती है और ब्याज दरें भी कम होंगी।

जब लोन डिफॉल्ट हो जाए तो क्या करना चाहिए?

जब भी आपका लोन डिफॉल्ट हो जाए, आपको अपनी आर्थिक स्थिति का सही से आकलन करना चाहिए। यह कैलकुलेट भी होना चाहिए। आपको लोन दिया गया बैंक या वित्तीय संस्थान से भी इस स्थिति में विचार करना चाहिए। जब लोन चुकता हो जाएगा, तो यह भी ध्यान रखें कि सिबिल स्कोर खराब नहीं होगा, इसलिए सिर्फ लोन चुकता करना फायदेमंद है।

लोन प्राप्त करने वालों के अधिकार

यदि आपने किसी बैंक से लोन लिया है तो आपके कुछ कानूनी अधिकार भी होते हैं। बैंकों को लोन नहीं चुकाने पर नोटिस देना होता है। सीधे मनमानी नहीं की जा सकती और लोन नहीं चुका पाने पर भी न्यायसंगत व्यवहार की अपेक्षा होती है। बैंक या लेंडर नोटिस देने के बाद या कानूनी तरीके से ही कोई संपत्ति बेच सकता है अगर ऋण लेने वाला समय सीमा पर लोन नहीं चुका पाता है।

RBI ने भी कहा

आरबीआई ने भी बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों के लिए ठोस योजना बनाएं। इसमें बहुत से लोग पहले कर्ज नहीं चुकाते हैं और फिर 12 महीने के बाद फिर से लोन के लिए आवेदन करते हैं, ऐसे लोगों की अलग से पहचान जरूरी है।

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