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दादा की मृत्यु के बाद जमीन-जायदाद पर किसका होता है अधिकार? दूर हुई कन्फ्यूजन

प्रश्न अक्सर उन हालात में उठता है जब कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति नहीं छोड़ता। यहां सबसे पहले, एक पोते को अपने दादाजी की स्व-अर्जित संपत्ति पर जन्मसिद्ध अधिकार नहीं है। हां, पोते का जन्मसिद्ध अधिकार पैतृक या पुश्तैनी संपत्ति में है, यानी उसके दादा को उसके पूर्वजों से मिली संपत्ति में उसका हिस्सा पक् का होता है।

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Who has the right on the land and property after grandfather's death? Confusion cleared

Saral Kisan :- भारत में संपत्ति का वितरण स्पष्ट कानून है। लेकिन अधिकांश लोगों को संपत्ति पर अधिकारों और दावे की कानूनी समझ और नियमों की जानकारी नहीं है। इसलिए संपत्ति पर विवाद अधिक होते हैं और कई लोग वर्षों तक कानूनी लड़ाई में फंस जाते हैं। वाद-विवाद से बचने और संपत्ति का सही और जल्दी बंटवारा करने के लिए सभी को लागू होने वाले कानूनों की महत्वपूर्ण जानकारी होनी चाहिए। बहुत से लोगों को दादा की संपत्ति में से किसे, कब और कितना हिस् सा मिलेगा, इसकी भी जानकारी नहीं है। अब सवाल उठता है कि अगर दादा मर जाए तो उसके बेटे या पोता जमीन पर हकदार होंगे?

यह प्रश्न अक्सर उन हालात में उठता है जब कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति नहीं छोड़ता। यहां सबसे पहले, एक पोते को अपने दादाजी की स्व-अर्जित संपत्ति पर जन्मसिद्ध अधिकार नहीं है। हां, पोते का जन्मसिद्ध अधिकार पैतृक या पुश्तैनी संपत्ति में है, यानी उसके दादा को उसके पूर्वजों से मिली संपत्ति में उसका हिस्सा पक् का होता है। दादा मरते ही उसे उसका हिस्सा नहीं मिलता। यदि दादा खुद संपत्ति खरीदती है, तो वह उसे किसी को भी दे सकती है. पोता दादा के निर्णय को चुनौती नहीं दे सकता

पोते को क्या मिलेगा?

यदि कोई व्यक्ति बिना वसीयत किए मर जाता है, तो उसके पीछे छोड़ी गई संपत्ति उसके तत्काल कानूनी वारिसों—पत्नी, पुत्र और बेटी—को ही मिलेगी। पोते को कुछ नहीं मिलेगा। मृतक की पत्नी, पुत्र और पुत्रियों को विरासत में मिली संपत्ति को उनकी निजी संपत्ति के रूप में माना जाएगा और किसी अन्य को उस संपत्ति में हिस्सेदारी का दावा करने का अधिकार नहीं होगा। यदि दादा की मृत्यु से पहले उनके किसी भी बेटे या बेटी की मृत्यु हो जाती है, तो मृतक बेटे या बेटी के कानूनी उत्तराधिकारी को पहले पुत्र या पुत्री को मिलने वाला हिस्सा मिलेगा।

यह स्पष्ट है कि अगर किसी व्यक्ति के दादा की मौत हो जाती है, तो उसके पिता को पहले दादा की संपत्ति मिलेगी, नहीं उसे। उसे पिता का हिस्सा मिलेगा। हां, किसी व्यक्ति के पिता की मौत से पहले उसे दादा की संपत्ति में हिस्सा मिलेगा।

पैतृक संपत्ति पर अधिकार पोते का जन्मसिद्ध अधिकार है। वह इसे लेकर किसी भी विवाद में दीवानी न्यायालय में जा सकता है। वह इस संपत्ति का वैसे ही हकदार है जैसे पिता या दादा अपने पूर्वजों से मिली संपत्ति का। लेकिन दादा की मौत होने पर पोते को नहीं, बल्कि उसके पिता को पैतृक संपत्ति मिलेगी। उसका हिस्सा उसके पिता से ही मिलेगा। पिता को पैतृक संपत्ति देने से इंकार करने पर वह कोर्ट जा सकता है।

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