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Uttarakhand News : महिलाओं का राखियों में अनोखे प्रयोग, राखियां खूबसूरत फूल खिलाएंगी, जहां गिरेंगे, वहीं उगेंगे पौधे

Uttarakhand News : इस बार रक्षाबंधन का त्योहार उत्तराखंड के नैनीताल जिले के व्यासी गांव की महिलाओं के अनोखे प्रयोग की वजह से खास बन गया है। यहां की महिलाओं ने ऐसी राखियां बनाई हैं, जो प्रेम का प्रतीक होने के साथ-साथ प्रकृति के प्रति जागरूकता का संदेश भी देती हैं। 

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Uttarakhand News : महिलाओं का राखियों में अनोखे प्रयोग, राखियां खूबसूरत फूल खिलाएंगी, जहां गिरेंगे, वहीं उगेंगे पौधे

Plant Grow From Rakhi : इस बार रक्षाबंधन का त्योहार उत्तराखंड के नैनीताल जिले के व्यासी गांव की महिलाओं के अनोखे प्रयोग की वजह से खास बन गया है। यहां की महिलाओं ने ऐसी राखियां बनाई हैं, जो प्रेम का प्रतीक होने के साथ-साथ प्रकृति के प्रति जागरूकता का संदेश भी देती हैं। भाइयों की कलाई पर सजने के कुछ दिनों बाद ये राखियां खूबसूरत फूल खिलाएंगी। 

महिलाओं के "खिली बुरांश" समूह की सदस्य शैली आर्या बताती हैं कि इस बार राखियों के अंदर फूल और सब्जियों के बीज डाले गए हैं। जब इन राखियों को तोड़कर किसी खेत, जंगल या जमीन पर फेंका जाएगा, तो कुछ ही दिनों में इनसे पौधे उग आएंगे।

ये बीज मानसून के दौरान आसानी से अंकुरित हो जाते हैं, जिससे जहां भी राखी गिरेगी, वहां एक नया जीवन खिल उठेगा। इन राखियों के ऑर्डर अमेरिका से भी मिले हैं।

गेंदा, सूरजमुखी से लेकर मूली और धनिया के बीज भी

राखियों में गेंदा, सूरजमुखी, मूली, धनिया आदि के अलावा अन्य बीज भी डाले गए हैं। बीजों को राखी के अंदर इस तरह रखा जा रहा है कि वह गिरे नहीं। अब तक वह एक हजार से अधिक राखियां तैयार कर चुकी हैं। राखियां गांव की भावना आर्या, शैली आर्या, मनीषा, रेखा, प्रेमा देवी, सुशीला टम्टा, सुभागी राज बना रही हैं।

चार से छह लाख कमा रही हैं

स्वरोजगार के तहत महिलाएं अपने घरों के पुराने कपड़ों से हैंड बैग, मोबाइल कवर, घर की सजावट का सामान, चाबी के छल्ले आदि भी बना रही हैं। इससे वह सालाना चार से छह लाख रुपये का कारोबार कर रही हैं। समूह अपने उत्पादों की मार्केटिंग के लिए ऑनलाइन मार्केटिंग का भी सहारा ले रहा है।

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