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उत्तर प्रदेश में रेलवे लाइन बिछाने का रास्ता साफ, पेड़ काटने की मिली अनुमति

New Rail Line : न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने कहा कि हमने 13 मई, 2022 के आदेश के अनुपालन से संबंधित रिपोर्ट को देखा है। इस योजना का उद्देश्य मथुरा और झांसी के बीच एक तीसरी रेलवे लाइन बनाना है। सीईसी की रिपोर्ट बताती है कि 50,943 पेड़ लगाने का अनुपालन हुआ है। 14 अक्टूबर को परियोजना को स्थगित करने का आदेश हटा दिया गया है।
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उत्तर प्रदेश में रेलवे लाइन बिछाने का रास्ता साफ, पेड़ काटने की मिली अनुमति

Uttar Pradesh : देश के सर्वोच्च न्यायालय ने झांसी और मथुरा के बीच एक रेलवे लाइन बनाने के लिए पेड़ों की कटाई पर लगाई गई रोक को हटाया। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई के दौरान निर्णय दिया कि रेल विकास निगम लिमिटेड ने 50,943 पौधे लगाने का अनिवार्य कार्य पूरा कर लिया है।

इस मामले को लेकर न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ को केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति ने सूचित किया कि रेलवे निकाय को 50,943 पौधे लगाने की शर्त पर 5,094 पेड़ काटने की अनुमति 13 मई, 2022 को दी गई थी।

अब पूरा किया जाएगा, रेल लाइन बिछाने का काम

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने कहा कि हमने 13 मई, 2022 के आदेश के अनुपालन से संबंधित रिपोर्ट को देखा है। इस योजना का उद्देश्य मथुरा और झांसी के बीच एक तीसरी रेलवे लाइन बनाना है। सीईसी की रिपोर्ट बताती है कि 50,943 पेड़ लगाने का अनुपालन हुआ है। 14 अक्टूबर को परियोजना को स्थगित करने का आदेश हटा दिया गया है।

14 अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने निर्णय दिया कि प्रतिपूरक वनरोपण नहीं हुआ था, इसलिए निर्माण कार्य को रोकना पड़ा। अक्टूबर में, रेलवे निकाय ने कहा कि 13 मई 2022 को अदालत द्वारा 5,094 पेड़ों को काटने की अनुमति मिलने के बाद, इसने उत्तर प्रदेश वन विभाग को आवश्यक वनरोपण के लिए आवश्यक धन दिया।

रेलवे ने बताई, यह बात

रेलवे निकाय की ओर से पेश वकील ने कहा, "हम मथुरा जंक्शन और झांसी के बीच रेल लाइन के लिए उत्तर-मध्य रेलवे के आगरा डिवीजन में एक बाईपास रेल लाइन बना रहे हैं।" हम नहीं जानते कि अदालत की शर्तों का पालन हुआ है या नहीं। अब वन विभाग हम पर जिम्मेदारी थोप रहा है।"

इसके बाद पीठ ने वकील से कहा कि पेड़ों की कटाई के लिए आरवीएनएल को अदालत की अनुमति दी गई थी और यह देखना रेलवे निकाय की जिम्मेदारी थी कि शर्तों का अनुपालन हुआ या नहीं।

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