उत्तर प्रदेश के इन इलाकों जमीन रजिस्ट्री पर लगी रोक 4 साल बाद हटी, अब खरीद सकेंगे भूमि
UP News : उत्तर प्रदेश के इस जिले में 4 साल बाद जमीन खरीद बिक्री पर लगी रोक को हटा दिया गया है. जिले में कृषि योग्य जमीन की पंजीयन की प्रक्रिया फिर से शुरू करवा दी गई है. साल 2020 में जमीन की रजिस्ट्री करने पर रोक लगा दी गई थी.
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के नोएडा में प्रशासन ने यमुना और हिडन नदियों के डूब इलाके में पढ़ने वाली कृषि योग्य जमीन के पंजीकरण की प्रक्रिया फिर से शुरू करवा दी गई है। बता दें कि वर्ष 2020 में जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी गई थी। नोएडा प्राधिकरण और सिंचाई विभाग की संयुक्त ऑपरेशन के बाद डूब क्षेत्र में बने अवैध फार्म हाउस और निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करने के बाद पिछले 4 वर्षों से जमीनों की रजिस्ट्री पर रोक लगी हुई थी. अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तरफ से आदेश जारी हुआ है कि अगर डॉक्यूमेंट सही है तो सभी आवश्यक स्वीकृतियां एक माह के भीतर पूरी करके जमीनों की रजिस्ट्री कर दी जाए.
पोर्टल के जरिए होगा आवेदन
जमीन के मालिक पोर्टल के जरिए आवश्यक स्वीकृतियों के लिए अपना आवेदन कर सकते हैं. वित्त और राजस्व विभाग के नेतृत्व वाली एक टीम आवेदनों की समीक्षा करेगी. इन आवेदनों पर एक माह के भीतर-भीतर निर्णय लेना होगा. प्रशासन को पिछले कुछ दिनों में पांच आवेदन मिल चुके हैं. 2020 में आपदा प्रबंधन समिति ने आदेश जारी किया कि बाढ़ वाले क्षेत्रों में संपत्ति की बिक्री या खरीद करने वाले आवेदकों को नोएडा प्राधिकरण और सिंचाई विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लेना होगा।
एनओसी प्राप्त करना मुश्किल
2020 में नोएडा प्रशासन द्वारा एनओसी लेने के आदेश के बाद, यमुना और हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में कृषि भूमि की खरीद-बिक्री की सूची ठप हो गई। सिंचाई विभाग और नोएडा प्राधिकरण से एनओसी प्राप्त करना मुश्किल हो गया है। विधि व्यवस्थित नहीं थी। रजिस्ट्री आवेदनों को अधिकारियों को मंजूरी देने के लिए कोई निश्चित समय सीमा नहीं थी, इसलिए आवेदन लंबे समय तक लटकते रहे। नदियों के आसपास कृषि भूखंडों का पंजीकरण करने में नोएडा प्राधिकरण और सिंचाई विभाग से एनओसी प्राप्त करना कठिन था।
भूमि केवल कृषि उद्देश्यों के लिए होगी रजिस्टर
यमुना और हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में अभी भी कोई निर्माण नहीं किया जा सकता। भूमि केवल कृषि उद्देश्यों के लिए रजिस्टर की जा सकती है। अब सरकार ने नया आदेश जारी किया है कि एनओसी के लिए आवेदन मिलने के एक महीने के भीतर अधिकारियों को एनओसी प्रक्रिया पूरी करनी होगी; किसी भी देरी पर अधिकारी जिम्मेदार होंगे। बता दे की वर्ष 2020 में यमुना प्राधिकरण और सिंचाई विभाग ने यमुना और हिंडन डूब क्षेत्र में कई अवैध निर्माणों की जांच की थी। इस जांच में अवैध निर्माण का पता चला। जांच के बाद उन्हें सील कर दिया गया था और जमीन के रजिस्ट्री के लिए आवेदन करना बंद कर दिया गया था। नए नियम लागू किए गए हैं, और एनओसी अनिवार्य है। भूमि रजिस्ट्रियां बंद हो गईं क्योंकि एनओसी प्रक्रिया बहुत कठिन और लंबी थी।