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हिल स्टेशनों का सफर होगा महंगा, उत्तराखंड एंट्री पर फास्टैग से ग्रीन सेस लेगी सरकार

Delhi NCR : दिल्ली एनसीआर, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों से लोग इस भीषण में हिल स्टेशन पर छुट्टियां मनाने जाते हैं। मैदानी इलाकों से बहुत भारी संख्या में पर्यटक हिल स्टेशन की ओर रुख भी करते हैं। अब हिल स्टेशनों का सफर महंगा होने वाला है। 

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हिल स्टेशनों का सफर होगा महंगा, उत्तराखंड एंट्री पर फास्टैग से ग्रीन सेस लेगी सरकार

NCR News Hindi : देश के मैदानी इलाकों में भीषण में से लोगों का बुरा हाल है। भीषण गर्मी के इस दौर में मैदानी इलाकों से लोग पहाड़ों में सुकून का पल जीने के लिए जाते हैं। उत्तराखंड के हल्द्वानी, नैनीताल , मसूरी, अल्मोड़ा में पर्यटकों की काफी भारी संख्या देखने को मिल रही है। अब दिल्ली एनसीआर, हरियाणा , उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों से उत्तराखंड के हिल स्टेशनों पर घूमने का प्लान है तो आपका यहां जाने पर खर्च अब ज्यादा होने वाला है। 

वसूला जाएगा ग्रीन सेस टैक्स 

सरकार की तरफ से पर्यटकों से अब ग्रीन सेंस में बसूला जाएगा। दूसरे राज्यों से उत्तराखंड मैं एंट्री करने पर आपको ग्रीन सेल्स टैक्स देना पड़ेगा। सरकार की तरफ से इस ग्रीन टैक्स को लेकर करीब सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है। दूसरे राज्यों से उत्तराखंड मैं आने वाली गाड़ियों से अब फास्टैग की तर्ज पर ग्रीन सेस  वसूला जाएगा। परिवहन अधिकारियों के अनुसार ग्रीन सेस  से राज्य की रासो में बढ़ोतरी होगी। इसे ग्रीन सेस  के जरिए दूसरे राज्यों से आने वाली गाड़ियों का डाटा भी तैयार होगा।

क्या होता हैं ग्रीन सेस 

सरकार एक हफ्ते के अंदर एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट रिलीज़ करेगी। सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले ग्रीन सेस की घोषणा की थी। सरकार उत्तराखंड के पड़ोसी हिमालयन राज्य हिमाचल प्रदेश की तरह ही बाहरी वाहनों पर ग्रीन सेस लगाने जा रही है। हिमाचल प्रदेश में दूसरे राज्यों से आने पर बैरियर लगाकर ग्रीन सेस वसूला जाता है। लेकिन उत्तराखंड सरकार फास्टैग का इस्तेमाल करेगी ताकि ग्रीन सेस वसूल सके। दावा किया है कि फास्टैग की जगह ग्रीन सेस देने से सड़कों पर जाम कम होगा। पश्चिमी राज्यों से आने वाले वाहनों को छोड़कर उत्तराखंड से आने वाले वाहनों पर ग्रीन सेस लगाया जाएगा।

इतनी होगा ग्रीन सेस (प्रस्तावित)  

वाहन  ग्रीन सेस (रुपये में)
तीन पहिया      20
चार पहिया       40
मध्यम वाहन     60
भारी वाहन       80


 

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