उत्तरप्रदेश में जमीन अधिग्रहण करके बनाई जाएगी टाउनशिप, चार गुना ज्यादा मिलेगा मुहावजा
UP News : उत्तर प्रदेश सरकार नई टाउनशिप परियोजनाओं को तेजी से बना रही है, जिससे किसानों को जमीन मिलने लगी है। टाउनशिप्स का लक्ष्य न केवल शहरीकरण को बढ़ाना है, बल्कि लोगों को सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त सुव्यवस्थित जीवन देना है।

Saral Kisan, UP News : उत्तर प्रदेश में नई नगर पालिका के लिए किसानों से जमीन ली जाएगी। इस परियोजना पर 1300 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस शहर में लोगों को आधुनिक सुविधाएं मिल जाएंगी। किसानों ने वाराणसी की नई शहर योजना का लगातार विरोध किया है। किसान यूनियन के अध्यक्ष योगी राजसिंह पटेल ने कहा कि सरकार मनमाने ढंग से जमीन खरीदना चाहती है। किसानों ने 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून से चार गुना अधिक मुआवजा मांगा है।
वीडीए ने गंजारी, वाराणसी में एक नई नगर पालिका का प्रस्ताव किया है। इस योजना को लागू करने के लिए भी प्रयास शुरू हो गए हैं। हालाँकि, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के निकट इस नए शहरी टाउनशिप को लेकर अब भी विरोध होने लगा है। इस योजना का किसानों ने विरोध किया है। पिछले सात दिनों से गंजारी में ग्रामीणों ने प्रदर्शन जारी रखा है। पूर्वांचल किसान यूनियन ने इस संघर्ष की अगुवाई की है।
पूर्वांचल किसान यूनियन के अध्यक्ष योगी राजसिंह पटेल ने कहा कि सरकार और उसके कर्मचारी किसानों की जमीन को मनमाने ढंग से लेना चाहते हैं। हम विकास को बाधित नहीं करते, लेकिन 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार हम किसानों को उनकी जमीन किसी भी कीमत पर नहीं देंगे अगर उनकी जमीन ली जा रही है। स्थानीय नंदलाल मास्टर ने बताया कि सरकार इस नए नगरीय योजना के लिए सड़क का चौड़ीकरण करने के लिए मनमाने तरीके से किसानों से जमीन लेना चाहती है। सरकार को हमारे संविधान के नियमों और कानूनों के अनुसार जमीन देनी चाहिए।
ये वीडीए की पहल है
वीडीए की नई शहरी नगर पालिका वाराणसी के गंजारी में लगभग 150 एकड़ जमीन पर बसा रही है। इस परियोजना पर वाराणसी विकास प्राधिकरण 1300 करोड़ रुपये खर्च करेगा। इस नए शहर में ग्रुप घर, मॉल, होटल, कॉम्प्लेक्स और स्पोर्ट्स एकेडमी बनेंगे। इसे बसाने का रास्ता भी वीडीए बोर्ड की 133वीं बैठक में मंजूर हुआ।
वीडीए 25 लाख देगी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, वीडीए ने इस योजना के अंतर्गत किसानों को प्रति बिस्वा 25 लाख रुपए की दर से जमीन मुआवजा देने का विचार बनाया है। 2013 के भूमि अधिग्रहण अधिनियम के अनुसार, किसानों सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा चाहते हैं।