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इस बार आम का सीजन जुलाई से पहले हो जाएगा खत्म, कर रहे लोग अधिक पसंद

Mango News : फल व्ययपारियों का कहना है कि लंगड़ा और दशहरी आम की आवक के बाद यह आंकड़ा तीन सौ टन तक पहुंचने की उम्मीद है। आम की कम मांग का एक और कारण शादियों के लिए शुभ मुहूर्त का न होना भी है।
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इस बार आम का सीजन जुलाई से पहले हो जाएगा खत्म, कर रहे लोग अधिक पसंद

Saral Kisan, Mango News : फल व्ययपारियों का कहना है कि लंगड़ा और दशहरी आम की आवक के बाद यह आंकड़ा तीन सौ टन तक पहुंचने की उम्मीद है। आम की कम मांग का एक और कारण शादियों के लिए शुभ मुहूर्त का न होना भी है। शादियों के सीजन में होने वाली पार्टियों में 80 से 100 टन आम की खपत होती थी। आम के थोक व्यापारी महेश मूलचंदानी ने बताया कि अच्छी क्वालिटी का बादामी आम जो 40 से 60 रुपये किलो आसानी से मिल जाता था, वह 100 रुपये किलो बिका। इसी तरह सिंदूरी, तोतापरी और अन्य आम भी इस बार कम आए। 15-20 मार्च से 15-20 जुलाई तक चलने वाला आम का सीजन भी इस बार 20 दिन पहले खत्म हो जाएगा। दशहरी, लंगड़ा, चौसा और फजली आम अभी आ रहे हैं और सितंबर तक मिलेंगे।

दिल की बीमारियों से बचाने में मददगार

आम न सिर्फ अपने रसीले स्वाद के लिए पसंद किया जाता है बल्कि यह सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है।  पोषण विशेषज्ञ डॉ. पूर्णिमा भाले का कहना है, आम में विटामिन ए, बी6, सी, ई, के, कॉपर, पोटैशियम, मैग्नीशियम और बीटा कैरोटीन भरपूर मात्रा में होता है। विटामिन ए आंखों की रोशनी बढ़ाने में और मैग्नीशियम व पोटैशियम हृदय संबंधी समस्याओं से बचाने में मददगार है। 

स्वाद लंबे समय तक बरकरार रखने के लिए हो रहा शोध 

इंदौर शासकीय कृषि महाविद्यालय की प्रोफेसर डॉ. स्वाति बेरछा ने बताया कि आम के लिए दक्षिण और महाराष्ट्र का मौसम ज्यादा अनुकूल है। शहर की मिट्टी इसके लिए ठीक नहीं है। दशहरी और लंगड़ा आम चार से पांच दिन तक अच्छे रहते हैं। आम्रपाली आम का स्वाद 15 दिन तक अच्छा रहता है। इनका स्वाद लंबे समय तक बेहतर रहे, इसके लिए हम शोध कर रहे हैं। हर साल कई आम फलते हैं। इनका उत्पादन बढ़ाने के लिए संस्थान में काम किया जा रहा है।

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