उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच बनने जा रहा ये नया 626 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे, 4 राज्यों को जोड़ेगा
Bihar News : वाराणसी व कोलकाता के बीच बनने वाले इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 626 किलोमीटर है। यह एक्सप्रेस वे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड से होता हुआ पश्चिम बंगाल में पहुंचेगा।

Varanasi Ranchi Kolkata Expressway : बिहार में यह एक्सप्रेसवे कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद और गया जिले से होकर गुजरेगा. बिहार जिले में इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 169 किलोमीटर होगी. वाराणसी कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को बिहार के हिस्से में एलिवेटेड बनाने का प्रस्ताव अब राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को भेज दिया है। इस प्रस्ताव में यह तर्क राज्य सरकार की तरफ से दिया गया था कि सड़क निर्माण में लगभग 70 हजार पेड़ काटने पड़ेंगे। बता दें कि इन में ज्यादातर पेड़ करीब 100 साल तक पुराने हैं।
पर्यावरणीय महत्व
इन सभी पेड़ों का अपना एक पर्यावरणीय महत्व है। दुनिया भर में इन दोनों पर्यावरण को बेहतर बनाने में लगातार प्रयास किया जा रहा है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने 70000 पेड़ काटने को मंजूरी नहीं दी थी। केंद्र सरकार सहित इस एक्सप्रेसवे से संबंधित अधिकारियों को इसे एलिवेटेड सड़क बनाने का प्रस्ताव दिया गया था।
70 हजार की जगह सिर्फ 1000 पेड़ कटेंगे।
विभाग का कहना है कि राज्य के एक हिस्से में सड़क बनने से 70 हजार की जगह सिर्फ 1000 पेड़ कटेंगे। ऐसा करने से बहुत से पुराने पेड़ कटने से बच जाएंगे। साथ ही राजमार्ग बनाने से राज्य का विकास भी बाधित नहीं होगा। दरअसल, वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई करीब 626 किमी होगी। यह राजमार्ग उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड से होकर पश्चिम बंगाल जाता है। बिहार में इसका रास्ता कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद और गया से गुजरेगा। यह बिहार में करीब 159 किमी लंबा होगा।
लगभग 19 हजार करोड़ रुपये
बिहार पर इसकी अनुमानित लागत लगभग 19 हजार करोड़ रुपये है। इस रोड का काम शुरू हो गया है। एक्सप्रेसवे का सबसे बड़ा हिस्सा पश्चिम बंगाल में करीब 242 किमी होगा। झारखंड में यह 203 किमी लंबा होगा, जबकि उत्तर प्रदेश में केवल 22 किमी। इसके बनने से वाराणसी से कोलकाता की यात्रा में लगभग पचास प्रतिशत अधिक समय लगेगा। निर्माण 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।
डॉ. प्रेम कुमार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री, ने बताया कि राज्य में वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए लगभग 70 हजार पेड़ काटने की अनुमति मांगी जा रही है। उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार को इस सड़क को खुला करने का प्रस्ताव दिया है। एक हजार पेड़ काटने की ही आवश्यकता होगी। मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि दुनिया भर में पर्यावरण को बचाने और बेहतर बनाने का अभियान चल रहा है। ऐसे में हमें भी पर्यावरण को बेहतर बनाने की कोशिश करनी चाहिए।