मध्य प्रदेश समेत 3 राज्यों तक सफर आसान बनाएंगे ये फोरलेन प्रोजेक्ट, जमीन अधिग्रहण शुरू

MP News : एमपी में आधारभूत संरचनाओं के विकास के दौरान चौड़ी सपाट सड़कों का निर्माण बहुत महत्वपूर्ण है। राज्य में नए हाईवे, चार लेन और छह लेन सड़कें बनाई जा रही हैं। राज्य के कई हाईवे सहित कई सड़कों का विस्तार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHI) कर रहा है। इसके तहत भी बैतूल खंडवा और देशगांव खरगोन के एनएच क्षेत्रों को चौड़ा किया जा रहा है। ये दोनों मार्ग नागपुर-वडोदरा कॉरिडोर से जुड़ेंगे। यह कॉरिडोर गुजरात के वडोदरा से शुरू होकर मध्य प्रदेश के खंडवा और बैतूल को महाराष्ट्र के नागपुर से जोड़ेगा। इससे तीन राज्यों में सड़क यातायात बहुत सुविधाजनक होगा। वर्तमान में, देशगांव-खरगोन 4 लेन बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
भोपाल में, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एमपी को महत्वपूर्ण सौगात दी। इनमें बैतूल से मोहदा रोड परियोजना और देशगांव से खरगोन रोड परियोजना भी शामिल हैं। एनएचएआई इन दोनों परियोजनाओं के माध्यम से महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश के साथ कनेक्टिविटी बढ़ाकर सड़क परिवहन को आसान बनाएगी।
राष्ट्रीय राजमार्ग 347 ए, देशगांव खरगोन, एक 1700 करोड़ रुपये की योजना है। यह सड़क नागपुर बड़ोदरा कॉरिडोर से जुड़ेगी, जो खंडवा को नासिक और वड़ोदरा से जोड़ेगा। योजना में 4 लेन एनएच-347 बी पर 65 किमी लंबी सड़क बनाई जाएगी। यह सड़क खरगोन-बड़वानी खंड से मिलेगी। 35 किमी का अलग से भाग बनाने में 1000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
रोड परियोजना का काम चल रहा है, तेज गति पर
देशगांव खरगोन रोड परियोजना का काम तेजी से चल रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एनएचएआई के परियोजना निदेशक ने भीकनगांव एसडीएम कार्यालय को पत्र भेजा है। राष्ट्रीय राजमार्ग 347 ए (देशगांव-खरगोन) बनाने के लिए प्राधिकरण ने जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके परिणामस्वरूप, राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 की धारा 3 ए के अंतर्गत अधिसूचना जारी की गई, जो प्रभावित जमीन के सर्वेक्षण और अधिग्रहण की प्रक्रिया की घोषणा करती है।
भूमि अधिग्रहण के लिए किया गया, 23 गांवों को शामिल
भूमि अधिग्रहण के लिए भीकनगांव तहसील के 23 गांव सूचीबद्ध हैं। सिरलायखुर्द, सुर्वा, सोनवाडा, ललनी, दोंदवाड़ा, बमनाला, जामन्या बुजुर्ग, सांईखेडी, कोदला खालसा, कोदला जागीर, भीकनगांव, टेमला, पिपल्या बुजुर्ग, पिपराड़, लालखेडा, गोरीपुरा, कोडियाखाल, सुन्द्रेल, चिरागपुरा, बिरुल, बंझर, भातलपुरा और धोबीखोदरा इनमें शामिल हैं।