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उत्तर प्रदेश के इस शहर में है सबसे लंबा रेलवे स्टेशन, 26 डिब्बों वाली 2 ट्रेनें एक साथ होती है खड़ी

World Longest Railway Platform : भारतीय रेलवे पूरे विश्व में काम करता है। भारतीय रेलवे विश्व में दूसरा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है। यही नहीं, भारत दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन और प्लेटफॉर्म है। इस खबर में बताया गया है कि इस शहर में उत्तर प्रदेश में सबसे लंबा रेलवे स्टेशन है।
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उत्तर प्रदेश के इस शहर में है सबसे लंबा रेलवे स्टेशन, 26 डिब्बों वाली 2 ट्रेनें एक साथ होती है खड़ी

Saral Kisan (UP News) : भारतीय रेलवे की इतनी खूबियां हैं कि आप गर्व कर सकते हैं कि यह दुनिया में दूसरे सबसे बड़े नेटवर्क में शामिल है। जैसा कि आप जानते हैं, भारतीय रेलवे ने गोरखपुर जंक्शन पर दुनिया का सबसे लंबा रेलवे स्टेशन बनाया है। इस प्लेटफॉर्म की लंबाई लगभग डेढ़ किमी या 1366.4 मीटर है। ये प्लेटफॉर्म इतना लंबा है कि आपके पैरों को दर्द होगा। प्लेटफॉर्म अभी भी पूरा नहीं होगा। इस स्टेशन के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें।

ये जंक्शन कहां हैं

यूपी के गोरखपुर जंक्शन पर विश्व का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म है। इस जंक्शन को नार्थ-ईस्टर्न रेलवे ने शामिल किया है। इस प्लेटफॉर्म का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था जब यह अक्टूबर 2013 में फिर से बनाया गया था। इस रेलवे जंक्शन में प्लेटफॉर्म नंबर 1 से 2 की लंबाई 366.4 मीटर है। ध्यान दें कि दुनिया में इससे बड़ा प्लेटफॉर्म कहीं नहीं है।

जंक्शन ने खड़गपुर का भी रिकॉर्ड तोड़ा

भारत का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म रिकॉर्ड पहले था। 1072.5 मीटर लंबा ये प्लेटफॉर्म खड़गपुर, पश्चिम बंगाल में था। पुनर्निर्माण के बाद गोरखपुर जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 और 2 की लंबाई इससे अधिक है। यह दुनिया में इस समय तक का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म है।

हर दिन 170 ट्रेनें चलती हैं

एक रिपोर्ट के अनुसार गोरखपुर जंक्शन के प्लेटफॉर्म 26 डिब्बों वाली दो ट्रेनों को एक साथ खड़ा कर सकता है। हर दिन इस जंक्शन पर कई ट्रेनें चलती हैं। दैनिक रूप से इस जंक्शन से करीब 170 ट्रेनें गुजरती हैं। स्थानीय लोगों को विश्वास नहीं था कि उनका दैनिक रेलवे प्लेटफॉर्म दुनिया का सबसे लंबा है।

गोरखपुर स्टेशन

नहीं, ये रेलवे स्टेशन 136 साल पहले बनाया गया था और यात्रियों के लिए एक वेटिंग रूम था। यहाँ अंग्रेजों के लिए अलग-अलग वीआईपी कमरे थे, जहां दूसरे लोग नहीं जा सकते थे। स्टेशन की इमारत उस समय एक मंजिला थी जिसमें केवल छह कमरे थे।

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