चलता फिरता मंदिर यह कार, देखने वालों की लगती हैं भीड़
Uttar Prdesh : ऊपर शिव परिवार और अंदर दीपक सावंत, अगर कोई इस कार को कार कह दे तो नाराज हो जाते हैं। वह कहते हैं, "अजी, चारों धाम नहीं, कार कहिए.."महाराष्ट्र के नासिक से लखनऊ पहुंचे दीपक सावंत की कार को हर कोई भगवा रंग में रंगा देखता ही रह गया। उनका कहना था कि वह हर तीन वर्ष में एक बार चारों धाम जाते हैं। वह 800 से अपने पिता की मारुति से चारों धाम की यात्रा करता है, लेकिन यह बाकी लोगों की तरह नहीं है।
यह बहुत अलग और रोचक है क्योंकि वह सभी राज्यों में जाकर उनके मशहूर मंदिरों का दर्शन करके फिर चारों धामों की यात्रा करता है। उनका कहना था कि वह लखनऊ से काशी विश्वनाथ जाकर वहां दर्शन करेंगे। अब तक उन्होंने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और दिल्ली के अलावा लखनऊ भी देखा है। अब वे यहां से वाराणसी जाएंगे और फिर वहां से गंगा सागर जाएंगे, जहां उनकी यात्रा समाप्त होगी।
दादा की मन्नत से शुरू हुई परम्परा
दीपक सावंत ने बताया कि उनके दादा ने यह परंपरा शुरू की थी। उनके पास एक मारुति 800 कार थी। इस पर नारंगी यानी भगवा रंग लगाया गया था। वह चारों धाम की यात्रा इसी कार से करता था, फिर पिता ने भी इसी कार से चारों धाम की यात्रा शुरू की। वह अपने परिवार के रिवाजों का पालन कर रहे हैं। उनका कहना था कि यह उनके दादा की एक प्रतिज्ञा थी जिसे वे आज तक पूरा कर रहे हैं और आने वाली पीढ़ी भी इसे करेगी।
यह है गाड़ी की विशेषता
दीपक सावंत बताते हैं कि उनकी कार चारों धाम से घिरी हुई है। उनके दादा ने इन चारों धामों को बनाया था। शिव परिवार हमेशा कार में रहता है। जिस मंदिर पर उतरते हैं, वहां शिव परिवार को अपने हाथों में ले जाते हैं। वे खुद भी दर्शन करते हैं और दूसरों को भी करते हैं। उनका कहना था कि कार का सबसे पुराना मॉडल मारुति 800 है। इसमें पंखा और एसी नहीं है, इसलिए उन्होंने जुगाड़ से एक छोटा पंखा लिया और लगाया।
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