उत्तर प्रदेश में बिछेगी 84 किलोमीटर की तीसरी रेल लाइन, 16 करोड़ होंगे खर्च
Uttar Pradesh : मुंबई रूट पर ट्रेनों की संख्या और गति जल्द ही बढ़ सकेगी। ट्रेनों की लेटलतीफी और जगह-जगह रोकने की शिकायत भी खत्म हो जाएगी। सरकार ने प्रयागराज से मानिकपुर के बीच एक तीसरी रेल लाइन बनाने का प्रस्ताव पारित किया है। इस कार्य पर 1640 करोड़ रुपये खर्च होंगे। तीसरी रेल लाइन का निर्माण क्षेत्रीय परिवहन को बेहतर बनाने के लिए किया जा रहा है, जिससे ट्रेनों की आवाजाही और यात्रियों को अधिक सुविधा मिलेगी।
84 किलोमीटर लंबी बिछाई जाएगी, यह तीसरी लाइन
इस परियोजना से लगभग 84 किलोमीटर लंबी तीसरी रेल लाइन बनाई जाएगी, जिससे ट्रेनों की गति बढ़ेगी और रेलवे नेटवर्क पर दबाव कम होगा। भारतीय रेलवे के माल परिवहन और यात्री दोनों के लिए यह कदम बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा। 1640 करोड़ रुपये की इस बड़ी परियोजना के पूरा होने के बाद, मुंबई रूट की ट्रेनों को प्रयागराज से मानिकपुर तक बिना कहीं रोके चलाया जा सकेगा। परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय अनुमोदन दोनों शुरू हो चुके हैं।
इससे मिलेगी, यात्रीयों को बढ़िया सुविधा
रेल मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि इस योजना से स्थानीय विकास को बढ़ावा मिलेगा और यात्री सेवाओं में सुधार होगा। भारतीय रेलवे के यात्री सुविधाओं को और बेहतर बनाने और देश के रेल नेटवर्क को मजबूत बनाने के प्रयासों में से एक कदम है।
इससे होगा, बड़ा फायदा
- कनेक्टिविटी आसान होगी
- यात्रा को आसान करेगी
- लाजिस्टिक्स लागत घटेगी
- तेल की खपत कम होगी
- कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी
- मुंबई-मनमाड-भुसावल-खंडवा-सतना-प्रयागराज-वाराणसी मार्ग पर ट्रेनों की संख्या बढ़ जाएगी।
- पूर्वी मालवाहक गलियारे के लिए फीडर मार्ग का कार्य करेगा
- मुंबई से मध्य प्रदेश के बघेलखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल तक यात्रियों की आवाजाही की क्षमता में वृद्धि
- 16 मिलियन टन -प्रति वर्ष तीन करोड़ लीटर डीजल की बचत होगी
- मौजूदा प्रयागराज-मानिकपुर के ट्रेनों का दबाव कम हो सकेगा
यहाँ से होकर निकलेगी, रेल लाइन
तीसरी लाइन प्रयागराज छिवकी से इरादतगंज के माध्यम से मानिकपुर तक चलेगी। यह जसरा, लोहगरा, शंकरगढ़ और डभौरा के माध्यम से बिछाया जाएगा।
रेल लाइन से बढ़ेगा, पर्यटन
मुंबई-प्रयागराज-वाराणसी राजमार्ग पर कनेक्टिविटी बढ़ने से पर्यटन को फायदा होगा। क्योंकि प्रस्तावित योजना में नासिक (त्र्यंबकेश्वर), खंडवा (ओंकारेश्वर) और वाराणसी (काशी विश्वनाथ) में ज्योतिर्लिंगों के साथ-साथ प्रयागराज, चित्रकूट, गया और शिरडी में धार्मिक स्थानों की यात्राओं का मार्ग भी शामिल होगा।
मुंबई-प्रयागराज-वाराणसी राजमार्ग पर कनेक्टिविटी बढ़ने से पर्यटन को फायदा होगा। क्योंकि प्रस्तावित योजना में नासिक (त्र्यंबकेश्वर), खंडवा (ओंकारेश्वर) और वाराणसी (काशी विश्वनाथ) में ज्योतिर्लिंगों के साथ-साथ प्रयागराज, चित्रकूट, गया और शिरडी में धार्मिक स्थानों की यात्राओं का मार्ग भी शामिल होगा।