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उत्तर प्रदेश में 31 गांवों की जमीन अधिग्रहण कर बनेगा हाईवे, 3 राज्यों तक मजेदार होगा सफर

Aligarh-Palwal Highway Widening : इस नेशनल हाईवे के चौड़ा होने से उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई जिलों को लाभ मिलेगा। दिल्ली एनसीआर की ओर जाने वाले लोगों को आसानी होगी। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि नया राजमार्ग यमुना एक्सप्रेसवे से पलवल में ईस्टर्न पेरिफेरल इंटरचेंज से जुड़ेगा। अलीगढ़ से दिल्ली एनसीआर, ग्रेटर नोएडा, पलवल, गुरुग्राम और आगरा तक जाना आसान होगा।
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उत्तर प्रदेश में 31 गांवों की जमीन अधिग्रहण कर बनेगा हाईवे, 3 राज्यों तक मजेदार होगा सफर

Uttar Pradesh : अलीगढ़-पलवल राजमार्ग के चौड़ीकरण की अनुमति दी गई है। मार्ग की चौड़ीकरण से दुहाई इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जो गाजियाबाद में बनाया जा रहा है, को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। साथ ही दिल्ली-एनसीआर को जोड़ने वाले इस हाईवे को बढ़ाकर बाईपास भी बनाया जाएगा।

भविष्य में उत्तर प्रदेश से हरियाणा जाना बहुत आसान हो जाएगा। अलीगढ़-पलवल राजमार्ग का नवीनीकरण और विस्तृतीकरण मंजूर हो गया है। इसके बाद इस सड़क पर गाड़ी चलेगी। यूपी, हरियाणा और दिल्ली के बीच इस हाईवे का नवीनीकरण आसान हो जाएगा।  यह सड़क तीन राज्यों को एकत्र करती है।  इससे दिल्ली और एनसीआर सीधे लाभान्वित होते हैं।

इन जिलों को मिलेगा, बड़ा फायदा

इस नेशनल हाईवे के चौड़ा होने से उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई जिलों को लाभ मिलेगा। दिल्ली एनसीआर की ओर जाने वाले लोगों को आसानी होगी। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि नया राजमार्ग यमुना एक्सप्रेसवे से पलवल में ईस्टर्न पेरिफेरल इंटरचेंज से जुड़ेगा। अलीगढ़ से दिल्ली एनसीआर, ग्रेटर नोएडा, पलवल, गुरुग्राम और आगरा तक जाना आसान होगा।

रोड को किया जाएगा, चौड़ा

ग्रीन फील्ड, यानी नया रास्ता, अलीगढ़ से पलवल तक बनाया जाएगा, जबकि पहले से मौजूद रास्ता चौड़ा होगा। ठीक है, और जट्टारी के लिए एक बाईपास बनाया जाएगा, जो लगभग 36 किलोमीटर का होगा। अलीगढ़-पलवल रोड को नवीनीकरण और चौड़ीकरण करने के लिए सरकारी प्रयास जारी हैं। इस मार्ग को बनाने के लिए अलीगढ़ जिले के 31 गांवों से जमीन मिलनी चाहिए।

17 गांवों का अवार्ड हुआ, घोषित

इनमें से पिछले दिनों 17 गांवों को पुरस्कार दिए गए।  चार और गाँवों को पुरस्कार दिया गया है। बाकी गांवों को जल्दी ही पुरस्कार मिलेंगे। चिह्नित गांवों में प्रशासन ने शिविर लगाने शुरू कर दिए हैं। ग्रीन फील्ड और ब्राउनफील्ड भी अलीगढ़-आगरा नेशनल हाईवे पर हैं, जिसमें 14 गांव शामिल हैं। 7 गांव, जो अलीगढ़ और इगलास तहसीलों में आते हैं, भी पुरस्कार प्राप्त करेंगे।

गांवों को दिया गया, 550 करोड़ रुपये मुआवजा

पहले चरण में, 17 गांवों को पुरस्कार देकर 550 करोड़ रुपये का मुआवजा निर्धारित किया गया था।  चार गांव अब पुरस्कृत और तैयार हैं।  इनमें लगभग 50 करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाएगा। इन गांवों में मुआवजा बाँटने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। चिह्नित गांवों में प्रशासन ने शिविर लगाने शुरू कर दिए हैं।

अलीगढ़ से पलवल मार्ग को किया जाएगा, फोरलेन

छह साल पहले, लोक निर्माण विभाग ने पलवल रोड को फोरलेन बनाया था।  85 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने में लगभग 552 करोड़ रुपये खर्च किए गए। हाल ही में केंद्रीय स्तर से मार्ग की नवीनीकरण और चौड़ीकरण की घोषणा की गई है। इसके निर्माण के लिए ढाई हजार करोड़ रुपये का बजट मंजूर हुआ है।  भूमि अधिग्रहण पर लगभग 1500 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

31 गांवों की जमीन का होगा, अधिग्रहण

मार्ग को बढ़ाने के लिए जिले के 31 गांवों से जमीन मिलनी चाहिए।  जिला प्रशासन ने चिह्नित जमीन को पुरस्कार देना शुरू कर दिया है। इन गांवों को मुआवजा दिया जाएगा। अर्राना, उदयगढ़ी, बांकनेर, गनेशपुर, नगला अस्सू, उसरह रसूलपुर, बुलाकीपुर, चौधाना, जरारा, ऐंचना, लक्ष्मणगढ़ी, राजपुर, रेसरी, जलालपुर, हीरपुरा, खेड़िया बुजुर्ग, इतवारपुर, डोरपुरी, श्यौराल, हामिदपुर और रसूलपुर शामिल हैं।

काफी समय से हो रही थी, बाईपास की मांग

लोक निर्माण विभाग ने कुछ दिन बाद राजमार्ग को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को सौंप दिया।  लेकिन खैर-जट्टारी बाइपास नहीं बनाया जा सका। दोनों कस्बों में जाम।  यहां के लोगों ने बाइपास की मांग की।

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