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उत्तर प्रदेश के इस शहर में बनेगा पहला बटरफ्लाई पार्क, साल के अंत में होगा शुरु

UP news :उत्तर प्रदेश के इस शहर में पहला बटरफ्लाई पार्क बनाया जा रहा है, और इसका निर्माण साल के अंत तक पूरा होने की योजना है। इस  बटरफ्लाई पार्क में 15 प्रजातियों के पक्षियों का घर और 12 प्रजातियों की तितलियों होगी।
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The first butterfly park will be built in this city of Uttar Pradesh, will start at the end of the year

Saral Kisan, UP : भागदौड़, शहरी शोर-शराबे के बीच ऐसी जगह, जहां प्राकृतिक सुंदरता, शांत झील, चहकते पक्षी और इतराती तितलियां हों तो आप तुरंत कह देंगे ‘अमेजिंग’। कानपुर के जैसरमऊ पहुंच कर आपको ऐसा ही अनुभव होगा। 12 प्रजातियों की तितलियों वाले इस स्थान को ईको टूरिज्म स्पॉट के रूप में विकसित किया जा रहा है। घने पेड़ों व झाड़ियों के बीच स्थित यह स्थान 15 प्रजातियों के पक्षियों का घर भी है।

बिल्हौर तहसील के जैसरमऊ में सात हेक्टेयर क्षेत्र में बटरफ्लाई पार्क तैयार किया जा रहा है। इस क्षेत्र की खासियत यह है कि तितलियों की 12 व पक्षियों की 15 प्रजातियों का यहां प्राकृतिक आवास है। झील के आसपास का पूरा नजारा हरियाली से परिपूर्ण है। पर्यटन के लिहाज से भी यह अपार संभावनाएं हैं। इसी मकसद से वन विभाग ईको टूरिज्म के रूप में विकसित कर रहा है।

पक्षियों की इन प्रजातियों का यहां घर

जैसरमऊ में हरा कबूतर, कोयल, सारस क्रेन, लेशर विशलिंग डक,  रेड-विश्कर्ड बुलबुल, कॉपर स्मिथ बारबेट, रूफस ट्रीपी, ग्रे हॉर्नबिल, मैगपाई रोबिन, ग्रेटर कूकल, कॉमन टेलर बर्ड, पर्पल सनबर्ड, ग्रीन बी-ईटर, पाइड बुशचैट, ब्लैक ड्रोंगो, बया बीबर प्रजातियों के पक्षियों का प्राकृतिक घर है।

ये तितलियां भी कर रहीं आकर्षित

वन विभाग के अनुसार, कॉमन गुल, ब्लू मून, यलो ओरेंज टिप, व्हाइट ओरेंज टिप, प्लेन टाइगर, स्ट्रीप्ड टाइगर, कॉमन ग्रास यलो, कॉमन इमाईग्रेन्ट, यलो पेन्जी, चॉकलेट पेन्जी, लाइम, पायनियर प्रजाति की तितलियां यहां देखी गई हैं। वहीं वन विभाग को स्थानीय पक्षियों के संरक्षण के साथ प्रवासी पक्षियों के आने की भी उम्मीद है। खासकर सर्दियों में आने वाले प्रवासियों की संख्या बढ़ने से यहां का महत्व भी बढ़ेगा।

प्रवासी पक्षियों के लिए ऊंचे टीले

झील के आसपास पक्षियों के लिए ऊंचे टीले व नेचुरल ट्रेल भी बन रहे हैं। इसके अलावा झील के आसपास लोगों के बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था होगी। इसके अलावा बंबू हट भी बनने हैं। शासन की ओर से विभाग को 12 लाख 60 हजार रुपये मिल चुके हैं, जबकि यह प्रोजेक्ट 29 लाख 40 हजार रुपये का है।

जिला वन अधिकारी दिव्या के अनुसार, ईको टूरिज्म के रूप में बटरफ्लाई पार्क विकसित किया जा रहा है। जैसरमऊ कई प्रजातियों के पक्षी व तितलियां का प्राकृतिक आवास है। प्रवासी पक्षियों के आने के भी पूरे आसार हैं। सात हेक्टेयर क्षेत्र को तैयार करने का कार्य चल रहा है। अभी बारिश का पानी भरने से कुछ दिक्कत हुई है, लेकिन साल के अंत तक यह पब्लिक के लिए खोल दिया जाएगा। यहां शांत व प्राकृतिक सौंदर्यता को देखने के साथ महसूस भी कर सकेंगे।

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