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अगर आपका बच्चा भी नही पढ़ रहा तो फॉलो करें ये 5 टिप्स, किताबों से करने लगेगा प्यार

यदि आपका बच्चा पढ़ने के नाम पर भागता है, तो इसका सबसे बड़ा कारण घर में कोई पढ़ाई का वातावरण नहीं होना हो सकता।
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If your child is not reading then follow these 5 tips, he will start loving books.

Tips To Make Children's Study Environment Positive: यदि आपका बच्चा पढ़ने के नाम पर भागता है, तो इसका सबसे बड़ा कारण घर में कोई पढ़ाई का वातावरण नहीं होना हो सकता। यदि घर में बहुत सारा व्यवहार है और आप बच्चों को बार-बार पढ़ने के लिए कहते रहते हैं, तो आपका यह व्यवहार उन्हें किताबों से और दूर कर सकता है। ऐसे में उसे समझने में परेशानी होगी और पढ़ाई से उसका मन और भी दूर हो जाएगा। इसलिए उसे अच्छा माहौल दें, घर में शांति रखें, रोशनी रखें और एक शांत स्थान पर पढ़ाई का दिन रखें।

मॉमजंक्शन के अनुसार, बच्चों को प्रशिक्षित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि आप केवल उनकी कमियों को उजागर कर रहे हैं, तो वे उदास रहेंगे और कभी नहीं पढ़ेंगे। इसलिए अपने उत्साह को दिखाएं और उनकी छोटी-छोटी सफलताओं की सराहना करें। ऐसा करने से उन्हें कोशिश करने का साहस मिलता रहेगा। जब बच्चे दिन भर थक जाते हैं, तो किताबें पढ़ते हुए उन्हें नींद आने लगती है। ऐसे में, वे पढ़ भी नहीं सकते। यही कारण है कि उनका मन पढ़ाई से दूर होने लगता है। यही कारण है कि बच्चे को कम से कम आठ घंटे तक सोना चाहिए। इस तरह, उनका दिमाग पढ़ाई के दौरान एक्टिव रहेगा और ज्ञान प्राप्त कर सकेगा।

WHO बताते हैं कि योग करने से बच्चों की पढ़ाई बेहतर होती है। जब वे एकाग्रचित होते हैं, तो वे बेहतर पढ़ाई कर सकते हैं। यही नहीं, आप उनका खाना खाने का खास ख्याल रखकर उनका अध्ययन बेहतर बना सकते हैं। बच्चों को जंक खाना खाने से रोकें, उनको स्वस्थ भोजन दें और खेलने का अवसर भी दें. इससे उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होगा और वे अपने आप को पढ़ाई में बेहतर करने लगेंगे।

बच्चों को पढ़ाई पर दबाव या तनाव देने की बजाय इन्करेजमेंट की जरूरत है। नकारात् मक प्रभाव होगा अगर आप बच्चे को हर समय पढ़ाने का दबाव डालते हैं। यह भी उसे पढ़ाई से दूर करेगा अगर उसे अतिरिक्त भार देंगे। आप बच्चे की पढ़ाई को लेकर शिक्षक से बात करें और उन्हें पढ़ाने के लिए नए तरीके खोजने की कोशिश करें। अच्छे स्रोतों का प्रयोग करें, उदाहरणों का उपयोग करें। हंसते-खेलते बच्चों को कठिन बातें भी आसानी से समझा सकते हैं, जिससे उनका दिल उस विषय में खुद ही बढ़ेगा।

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