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बिजली के Smart Meter कंपनियों को देनी पड़ेगी इतनी बैंक गारंटी, आदेश हुआ जारी

भारत सरकार द्वारा प्रीपेड स्मार्ट मीटर्स के लगाने वाली कंपनियों से बैंक परफार्मेंस गारंटी की दर को 10 फीसदी तक बढ़ाने के बाद, पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम ने कंपनियों को बैंक गारंटी जमा करने का आदेश दिया है। अब टेंडर प्राप्त करने वाली कंपनियाँ इसे पहले निर्धारित दर पर ही जमा करने के लिए दबाव डाल रही हैं।
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Electricity smart meter companies will have to give this much bank guarantee, order issued

Smart Meter: प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनियों के बैंक परफार्मेंस गारंटी को तीन से 10 फीसदी बढ़ाने के निर्णय के बाद, पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम ने उन कंपनियों से बैंक गारंटी की बढ़ी दर पर जमा करने का आदेश दिया है। इस निर्णय के परिणामस्वरूप, टेंडर प्राप्त करने वाली कंपनियाँ अब पहले से अधिक दर पर बैंक गारंटी जमा करने के लिए दबाव डाल रही हैं।

भारत सरकार द्वारा प्रीपेड स्मार्ट मीटर्स के लगाने वाली कंपनियों से बैंक परफार्मेंस गारंटी की दर को 10 फीसदी तक बढ़ाने के बाद, पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम ने कंपनियों को बैंक गारंटी जमा करने का आदेश दिया है। अब टेंडर प्राप्त करने वाली कंपनियाँ इसे पहले निर्धारित दर पर ही जमा करने के लिए दबाव डाल रही हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया है कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल क्षेत्र में प्रीपेड स्मार्ट मीटर्स के लगाने के लिए टेंडर प्राप्त करने वाली कंपनी जीएमआर को अब 10 फीसदी की दर पर 71 से 82 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी जमा करनी होगी, जो पहले 3 फीसदी के स्तर पर थी। यह निर्णय उपभोक्ता और बिजली कंपनियों के हित में है।

जितनी अधिक गारंटी कंपनियों द्वारा जमा की जाएगी, उन्हें अच्छे काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि सभी प्रीपेड स्मार्ट मीटर्स के टेंडर प्राप्त करने वाली कंपनियाँ ने उच्च गारंटी दरों के लिए दबाव बनाया है, और इससे पावर कारपोरेशन को पीछे हटने का खतरा है। यह कदम काम की गुणवत्ता और जवाबदेही को बढ़ावा देगा।

इसके अलावा, स्मार्ट प्रीपेड मीटर्स की दरों पर भी अवधेश वर्मा ने सवाल उठाए हैं, और उन्होंने इसकी उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। उन्होंने बताया कि सिंगल फेज स्मार्ट प्रीपेड मीटर्स की चार दरें बिजली कंपनियों की क्रय समिति द्वारा मंजूरी प्राप्त की गई है। अगर न्यूनतम दर को सभी कंपनियों पर लागू किया जाता है तो यह पावर कारपोरेशन के लिए सीधे 1000 करोड़ रुपये की बचत का साधन हो सकता है।

स्मार्ट मीटर्स की एक ही दर को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में 8415 रुपये, दक्षिणांचल में 7557 रुपये, पूर्वांचल में पहले टेंडर से 7308 रुपये और दूसरे टेंडर से 7559 रुपये पर मंजूरी प्राप्त की गई है। मध्यांचल क्षेत्र का टेंडर अभी बाकी है, जिससे उसकी दर और भी बढ़ सकती है। उपभोक्ता परिषद ने यह मांग की है कि पावर कारपोरेशन सभी टेंडरों को तत्काल रद्द करे, ताकि स्मार्ट मीटर्स के लगाने के काम में कोई देरी नहीं हो।_

यह निर्णय प्रीपेड स्मार्ट मीटर्स के लगाने वाली कंपनियों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है, लेकिन यह उपभोक्ताओं और बिजली कंपनियों के लिए एक सकारात्मक कदम हो सकता है।

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