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RBI ने सिबिल स्कोर लेकर आया 5 नए नियम, लोन लेने से पहले पहले पढ़ लिया तो रहेंगे फायदे में

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सिबिल स्कोर (CIBIL Score) पर एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट दी है। इसके अधीन कई नियम हैं। केंद्रीय बैंक ने नियमों को कठोर किया है क्योंकि क्रेडिट स्कोर पर कई शिकायतें आईं।आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
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RBI has come up with 5 new rules for CIBIL score, if you read it first before taking a loan then you will be in benefit.

Saral Kisan : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सिबिल स्कोर (CIBIL Score) पर एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट दी है। इसके अधीन कई नियम हैं। केंद्रीय बैंक ने नियमों को कठोर किया है क्योंकि क्रेडिट स्कोर पर कई शिकायतें आईं। साथ ही, क्रेडिट ब्यूरो वेबसाइट पर शिकायतों की संख्या और डेटा में सुधार नहीं होने की वजह भी बतानी होगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने अन्य कई नियम भी बनाए हैं। नवीन नियम 26 अप्रैल 2024 से प्रभावी होंगे। ऐसे नियमों को अप्रैल में ही आरबीआई ने लागू करने की चेतावनी दी थी। याद रखें कि बैंक हर बार ग्राहक का सिबिल स्कोर देखते हैं। रिजर्व बैंक ने इसके तहत कुल पांच नियम बनाए हैं। आइए इनके बारे में जानते हैं।

ग्राहक को भेजनी होगी सिबिल चेक किए जाने की सूचना

केंद्रीय बैंक ने सभी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों से कहा है कि जब भी कोई बैंक या एनबीएफसी किसी ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट चेक करता है तो उस ग्राहक को इसकी जानकारी भेजा जाना जरूरी है. यह जानकारी एसएमएस या ईमेल के जरिए भेजी जा सकती है. दरअसल, क्रेडिट स्कोर को लेकर कई शिकायतें सामने आ रही थीं, जिसके चलते भारतीय रिजर्व बैंक ने ये फैसला किया है.

रिक्वेस्ट को रिजेक्ट करने की वजह बताना जरूरी

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार अगर किसी ग्राहक की किसी रिक्वेस्ट को रिजेक्ट किया जाता है तो उसे इसकी वजह बताया जाना जरूरी है. इससे ग्राहक को यह समझने में आसानी होगी कि किस वजह से उसकी रिक्वेस्ट को रिजेक्ट किया गया है. रिक्वेस्ट रिजेक्ट किए जाने की वजहों की एक लिस्ट बनाकर उसे सभी क्रेडिट इन्स्टीट्यूशन को भेजना जरूरी है.

साल में एक बार ग्राहकों को दें फ्री फुल क्रेडिट रिपोर्ट

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार क्रेडिट कंपनियों को साल में एक बार फ्री फुल क्रेडिट स्कोर अपने ग्राहकों को मुहैया कराया जाना चाहिए. इसके लिए क्रेडिट कंपनी को अपनी वेबसाइट पर एक लिंक डिस्प्ले करना होगा, ताकि ग्राहक आसानी से अपनी फ्री फुल क्रेडिट रिपोर्ट चेक कर सकें. इससे साल में एक बार ग्राहकों को अपना सिबिल स्कोर और पूरी क्रेडिट हिस्ट्री पता चल जाएगी.

डिफॉल्ट को रिपोर्ट करने से पहले ग्राहक को बताना जरूरी

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार अगर कोई ग्राहक डिफॉल्ट होने वाला है तो डिफॉल्ट को रिपोर्ट करने से पहले ग्राहक को बताना जरूरी है. लोन देने वाली संस्थाएं SMS/ई-मेल भेजकर सभी जानकारी शेयर करें. इसके अलावा बैंक, लोन बांटने वाली संस्थाएं नोडल अफसर रखें. नोडल अफसर क्रेडिट स्कोर से जुड़ी दिक्कतें सुलझाने का काम करेंगे.

30 दिन में हो शिकायत निपटारा, वरना रोज लगेगा 100 रुपये जुर्माना

अगर क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी 30 दिन के अंदर-अंदर ग्राहकों की शिकायत का निपटारा नहीं करती है तो फिर उसे हर रोज 100 रुपये के हिसाब से जुर्माना चुकाना होगा. यानी जितनी देर से शिकायत का निपटारा किया जाएगा, उतना ही अधिक जुर्माना चुकाना होगा. लोन बांटने वाली संस्था को 21 और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन का वक्त मिलेगा. 21 दिन में बैंक ने क्रेडिट ब्यूरो को नहीं बताया तो बैंक हर्जाना देगा. वहीं बैंक की सूचना के 9 दिन बाद भी शिकायत का निपटारा नहीं किया गया तो क्रेडिट ब्यूरो को हर्जाना चुकाना होगा.

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