राजस्थान सरकार ने बिल्डरों को दी बड़ी सौगात, सीएम आवास योजना में नहीं रखते होंगे 12% भूखंड गिरवी
Chief Minister’s Jan Awas Yojana : प्रदेश में 9 साल से चल रही मुख्यमंत्री जन आवास योजना में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। इसमें बिल्डरों को बड़ी राहत दी जा रही है। अब योजना के नए प्रावधानों के तहत बिल्डरों को अपने भूखंडों का 12 फीसदी हिस्सा गिरवी नहीं रखना पड़ेगा। पहले योजना में बिल्डर को भूखंड का 12 फीसदी हिस्सा गिरवी रखना पड़ता था। निकायों के अधिकारों में कटौती की जा रही है। मास्टर प्लान में तय किए गए भू-उपयोग में बदलाव करके सीएम जन आवास या गरीबों को मकान नहीं दिए जा सकते।
योजना में ही बदलाव किया जा रहा है। कई नए प्रावधान भी जोड़े जा सकते हैं। नए सिरे से क्रियान्वयन के लिए आमजन से आपत्तियां और सुझाव मांगे जा रहे हैं। नगरीय विकास विभाग ने इस योजना का नया प्रारूप तैयार किया है। सीटीपी राजस्थान की वेबसाइट से इसके प्रारूप पर आपत्तियां और सुझाव मांगे गए हैं।
बिल्डरों को राहत अब गरीबों को मकान सिर्फ नगरीय निकाय ही देंगे
नई एएलएएस योजना के प्रावधानों में तय किया जा रहा है कि अब बिल्डर और डेवलपर्स गरीबों, ईडब्ल्यूएस, एलआईजी श्रेणी के लोगों को निजी योजना के तहत प्लॉट और मकान नहीं दे सकेंगे। अब बिल्डरों को नगरीय निकाय, बोर्ड आदि की योजनाओं के जरिए प्लॉट खरीदकर गरीबों को देने होंगे। साथ ही अब बिल्डर सीएम आवास में अपनी योजना विकसित कर सकेंगे। उन्हें छूट दी जाएगी। सरकारी निकाय की योजना के जरिए गरीबों को प्लॉट देने की जगह का भी वर्गीकरण किया जा रहा है।
शहर के नजदीक गरीबों को आवास उपलब्ध कराने होंगे
नई योजना में प्रावधान किया जा रहा है कि गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लोगों, दिहाड़ी मजदूरों, ठेला संचालकों आदि को शहरी क्षेत्र के 1 किलोमीटर के दायरे में प्लॉट और फ्लैट दिए जाएंगे। गांव या छोटी नगर पालिका में 500 मीटर के दायरे में राजस्व आवंटित किया जाएगा। पहले दूरी पर देने के कारण कई योजनाएं फ्लॉप हो जाती थीं। यदि नगर निगम अधिकारी किसी दूरस्थ स्थान पर निर्णय लेते हैं तो कार्रवाई की जाएगी।