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Property : देश के इन 4 जगहों पर करोड़ों रुपए में भी नहीं मिलेगी एक इंच भी जमीन

दूसरे राज्यों के लोग देश भर में जमीन नहीं खरीद सकते हैं। इनमें अधिकांश पहाड़ी राज्य हैं। हर राज्य में जमीन खरीदने-बेचने के नियम हैं। आपको पहले वहाँ का निवासी बनना होगा अगर आप ऐसे किसी राज्य में जमीन खरीदना चाहते हैं।आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।

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Property: In these 4 places of the country, you will not get even an inch of land even for crores of rupees.

Saral Kisan : उत्तराखंड की प्रधानमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार भू-कानून में बदलाव करने की तैयारी कर रही है। बताया जा रहा है कि इन संशोधनों के बाद उत् तराखंड में दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों के लिए जमीन खरीदना कठिन हो जाएगा। 2003 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री एनडी तिवारी ने पहाड़ी क्षेत्रों में 500 वर्गमीटर तक जमीन खरीदने की अनुमति दी। बीजेपी की सरकार ने बाद में इस सीमा को घटाकर 250 वर्गमीटर तक सीमित कर दिया। ध्यान दें कि उत्तराखंड एकमात्र राज्य नहीं है जहां बाहरी राज्यों के लोग जमीन खरीद नहीं सकते। इसमें देश के कई राज्य हैं।

हिमचाल प्रदेश भी बाहरी राज्यों से जमीन खरीदने पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। हिमाचल प्रदेश में पहाड़ी क्षेत्रों में संपत्ति खरीदने की अनुमति बाहरी राज्यों के नागरिकों को नहीं है। दरअसल, 1972 के भूमि अधिनियम की धारा-118 के प्रभाव में आने के बाद ये प्रतिबंध लागू हुए। हिमाचल प्रदेश किरायेदारी व भूमि सुधार अधिनियम की धारा-118 के अनुसार, कृषि भूमि को कोई गैर-कृषक या बाहरी राज्य का निवासी नहीं खरीद सकता है। यही नहीं, स्थानीय लोग वसीयत के जरिये बाहरी राज्य के लोगों को जमीन दे नहीं सकते।

हिमाचल में कैसे खरीद सकते हैं जमीन

हालांकि, धारा-118 में ऐसी प्रक्रियाएं हैं, जो किसी बाहरी राज्‍य के व्यक्ति को आधिकारिक सहमति के अनुरोध के बाद हिमाचल प्रदेश में भूमि और संपत्ति दोनों खरीदने की मंजूरी देती हैं. बता दें कि यहां भूमि शब्द का मतलब कृषि योग्‍य कब्जे वाली या पट्टे पर दी गई जमीन से है. बाहरी राज्‍य के व्‍यक्ति को भूमि खरीद के लिए एक आवेदन जमा करना होगा. इसमें उसे कारण बताना होगा कि वह भूमि किस उद्देश्‍य के लिए खरीद रहा है. राज्य सरकार आवेदक की ओर से उपलब्‍ध कराई गई सभी जानकारियों की जांच व पुष्टि करने के बाद फैसला लेती है.

सिक्किम में नहीं खरीद सकते हैं संपत्ति

सिक्किम में सिर्फ सिक्किम के लोग ही जमीन की खरीद-फरोख्‍त कर सकते हैं. संविधान का अनुच्छेद-371 एफ सिक्किम को विशेषाधिकार उपलब्‍ध कराता है. ये अनुच्‍छेद बाहरी लोगों को सिक्किम में कृषि भूमि या संपत्ति की बिक्री और खरीद पर पाबंदी लगाता है. यही नहीं, सिक्किम के जनजातीय क्षेत्रों में केवल आदिवासी ही कृषि भूमि और संपत्ति खरीद सकते हैं. सिक्किम में केवल स्थानीय लोगों को अचल संपत्ति खरीदने की छूट मिलती है. वहीं, आदिवासी क्षेत्रों में सिक्किम के भी केवल आदिवासी ही अचल संपत्ति खरीद सकते हैं. हालांकि, बाहरी लोग औद्योगिक भवन निर्माण के लिए कृषि भूमि खरीद सकते हैं.

अरुणाचल में जमीन खरीदना नामुमकिन

अरुणाचल प्रदेश में भी बाहरी राज्‍य के लोगों को संपत्ति खरीदने की अनुमति नहीं है. लेकिन, राज्‍य में सरकारी अनुमति के बाद कृषि भूमि हस्‍तांतरित की जा सकती है. अरुणाचल प्रदेश को 1963 में राज्य बनने के साथ ही विशेषाधिकार के तौर पर अनुच्‍छेद-371 ए मिला था. इसके मुताबिक, राज्‍य में बाहरी लोगों को जमीन खरीदने की अनुमति नहीं है. इसके अलावा मिजोरम, मेघालय और मणिपुर में भी संपत्ति की खरीद-फरोख्‍त से जुड़े कई नियम-कानून हैं.

शिलांग में संपत्ति खरीद की छूट नहीं

अरुणाचल प्रदेश में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग समुदाय से जुड़ी भूमि का हस्तांतरण धारा-46 के जरिये प्रतिबंधित है. हालांकि, ऐसी जमीन को वसीयत के जरिये पड़ोसियों और उसी पुलिस थाना क्षेत्र में रहने वाले लोगों को दिया जा सकता है. शिलांग में भी बाहरी लोगों को संपत्ति खरीदने की छूट नहीं दी गई है. कई नियम-कानून ऐसे हैं, जिसके कारण पूर्वोत्‍तर के निवासी भी एक-दूसरे के राज्य में जमीन नहीं खरीद सकते हैं.

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