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Delhi में नॉन-कंफर्मिंग औद्योगिक क्षेत्रों का तीन चरणों में होगा पुनर्विकास, रोजगार की आएगी बाढ़

Non-conforming industrial areas : दिल्ली के आसपास के इलाकों में रोजगार के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र के पूर्ण विकास को लेकर बड़ी अपडेट आई है। दिल्ली के 26 नॉन कंफर्मिंग औद्योगिक इलाके और एक गोदाम क्लस्टर के पुनर विकास का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। 

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Delhi में नॉन-कंफर्मिंग औद्योगिक क्षेत्रों का तीन चरणों में होगा पुनर्विकास, रोजगार की आएगी बाढ़

Delhi News : दिल्ली में औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए दिल्ली सरकार बड़े स्तर पर काम कर रही है। देश की राजधानी दिल्ली में 26 नॉन कंफर्मिंग औद्योगिक क्षेत्र और एक गोदाम क्लस्टर पुनर्विकास का इंतजार इंतजार खत्म होने वाला हैं। इस पुनर्विकास परियोजना को दिल्ली सरकार तीन चरणों के तहत जून के अंत तक अंतिम रूप दे सकती है। 

51 हजार से अधिक औद्योगिक यूनिट

इसके बाद दिल्ली के सार्वजनिक सुविधाओं के साथ अच्छी यातायात व्यवस्था वह रोजगार के अवसर भी ज्यादा बढ़ेंगे। बता दें कि दिल्ली के इस इलाके में लगभग 51000 से अधिक औद्योगिक यूनिट है। इस योजना पर सरकार का यह अनुमान है कि यह लागू होने के बाद यहां 15 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। 

इस योजना को लेकर दो सालों से कई बैठकर की जा चुकी है। लगातार हुई इन बैठकों के बाद अब सरकारी इस योजना को अंतिम रूप देने जा रही है। यह नॉन परफॉर्मिंग औद्योगिक इलाका 10 लाख से अधिक वर्ग मीटर क्षेत्र में दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में फैला हुआ है।

अलग अलग होगा हिस्सा 

इसे तीन चरणों में बनाया जा रहा है। विभिन्न कंपनियों को निविदा के माध्यम से चुना जा रहा है। पहले चरण में 40 प्रतिशत हिस्सा एक कंपनी, 25 प्रतिशत दूसरी कंपनी और 35 प्रतिशत अंतिम चरण में सलाहकार कंपनी का चुनाव होता है। पुनर्निर्माण के दौरान, डीडीए के मास्टर प्लान 2021/2041 (ड्राफ्ट) के तहत पूरा लेआउट प्लान बनाया जाएगा।

प्लांट का क्षेत्रफल औद्योगिक क्षेत्र में 500 वर्गमीटर से अधिक होगा। इसमें निर्माण के दौरान जमीन का सिर्फ 70% कवरेज किया जा सकेगा। बाकी स्थानों पर पार्किंग, सब स्टेशन और हरित क्षेत्र सहित अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। भविष्य में प्लांट के लेआउट और डिजाइन को कोई नुकसान नहीं होगा, इसलिए सभी प्लांट के जीपीएस कोआर्डिनेट्स को तैनात किया जाएगा। योजना से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगले कुछ महीनों में चरणबद्ध तरीके से लेआउट योजना बनाई जाएगी। तब उस पर काम होगा।

70% औद्योगिक यूनिट

दिल्ली का ऐसा स्थान जहां औद्योगिक इकाइयां धीरे-धीरे आवासीय क्षेत्रों में खुलती चली गईं अब वहां 70% औद्योगिक यूनिट चल रही हैं, जबकि उन्हें इसे चलाने की अनुमति नहीं है। ऐसे क्षेत्रों को सरकार ने नॉन-कंफर्मिंग क्षेत्र नाम दिया है। इसमें दिल्ली के आनंद पर्वत, शाहदरा, समयपुर बादली, जवाहर नगर, लिबासपुर, हस्तताल पॉकेट-ए, हैदरपुर, करावल नगर, डाबड़ी, रणहौला, टीकरी कलां, मुंडका फिरनी रोड, बसई दारापुर, प्रहलादपुर और अन्य क्षेत्र शामिल हैं। अब सरकार इनका पुनर्निर्माण करके उनकी अनुमति चाहती है। 

इससे परियोजना के तहत 40% इलाके में सार्वजनिक सुविधाओं के लिए काम होगा। इसके अलावा 10% जगह पर पार्किंग एसटीपी प्लांट सर्विस लेन बनाए जाएंगे। इस इलाके में 30% वार्षिक एक्टिविटी के लिए आरक्षित भी होगा। आठ फिटी जगह पार्क और हरित क्षेत्र के लिए रखी जाएगी. इस योजना के तहत 90 फिटी कर सरकार उठाएगी बाकी का 10 फिटी खर्च औद्योगिक संगठनों को उठाना पड़ेगा।


 

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