किसी भी स्टेशन से रूट की ट्रेन में बर्थ अलॉट कर सकेगा NER, बदल गया है सिस्टम
यात्रियों को आपात स्थिति में मूल स्टेशन को छोड़कर कोटा स्टेशन से टिकट खरीदना पड़ता है। अगले स्टेशन तक जाने के लिए आम टिकट लेना होगा। भीड़ के साथ यह भी कठिन हो जाता है।
Railway Reservation News: अब पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय रूट के किसी भी स्टेशन से ट्रेन में कोटे की बर्थ खरीद सकेंगे। इसके बावजूद, इसके लिए अभी साफ्टवेयर में बदलाव करना सहित अनेक प्रक्रियाएं पूरी की जानी शेष हैं। फिलहाल, जोनल, मंडल या उससे आगे के स्टेशनों से कोटा आवंटित करने का प्रबंध है।
जोनल या मंडल मुख्यालय वाले स्टेशन से पहले के ठहरावों से कोटा आवंटन की व्यवस्था नहीं होने से समस्या हुई। ऐसे ही समझ सकता है। वैशाली एक्सप्रेस में देवरिया से दिल्ली तक का टिकट रखने वाले यात्री को गोरखपुर मुख्यालय पर कोटा नहीं मिल सकता।
उसके पीछे के स्टेशन, हाजीपुर, ही उसे कोटा सकता है। किंतु अगर किसी यात्री का टिकट खलीलाबाद या बस्ती से है, तो गोरखपुर में कोटे से बर्थ मिल सकता है।
यात्रियों को आपातकालीन परिस्थितियों में मूल स्टेशन को छोड़कर कोटा वाले स्टेशन से टिकट खरीदना पड़ता है और फिर जनरल टिकट लेकर अगले स्टेशन तक जाना पड़ता है। जनरल कोच में अक्सर इतनी भीड़ होती है कि पैर रखना भी मुश्किल होता है।
उत्तरी रेलवे के वाणिज्य विभाग ने कोटा आवंटन प्रणाली में बदलाव करने का प्रयास किया है। इसके लिए क्रिस का साफ्टवेयर बदलना होगा। जिससे पीछे के स्टेशनों से बुक टिकट मिल सकें।
ट्रेन छूटने से 24 घंटे पहले निर्धारित कोटा ट्रेनों का चार्ट चार घंटे पहले खुद ब खुद बनाया जाता है। ऐसे में ट्रेनों को सवा चार से साढ़े चार घंटे पहले कोटा मिलता है। कोटा आवंटन में देरी होने पर चार्ट तैयार हो जाएगा और आवंटन नहीं हो सकेगा। इससे आपातकाल में कहीं आने-जाने की जरूरत पड़ने पर यात्रियों को बहुत फायदा होगा।
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