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MP में जल, स्वच्छता और संपत्ति कर में होगी बढ़ोतरी, सड़कों पर खर्च होंगे 469 करोड़ रुपए

MP News : नगर निगम मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए करीब 8 हजार करोड़ 40 लाख रुपए का बजट पेश करेगा। बाजारों से फिल्मी डायलॉग की तरह तीन गुना टैक्स वसूलने की तैयारी है। व्यावसायिक मुनाफे के चलते संपत्ति, जल और स्वच्छता कर बढ़ाए जा रहे हैं। निगम का कहना है कि 15 साल बाद टैक्स बढ़ाया जा रहा है।

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 MP में जल, स्वच्छता और संपत्ति कर में होगी बढ़ोतरी, सड़कों पर खर्च होंगे 469 करोड़ रुपए 

Latest news of MP : नगर निगम मंगलवार को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए करीब 8 हजार करोड़ 40 लाख रुपए का बजट पेश करेगा। निगम के सम्मेलन में महापौर पुष्यमित्र भार्गव बजट पेश करेंगे। इसमें 108 कॉलोनियों की दर दो से तीन रुपए की गई। प्रति वर्ग फुट संपत्ति कर बढ़ाया जा सकता है। प्रमुख बाजारों में संपत्ति कर 4 से 7 रुपए प्रति वर्ग फुट तक बढ़ सकता है। औद्योगिक क्षेत्र में भी टैक्स बढ़ेगा।  इसके अलावा देवगुराड़िया ट्रेंचिंग ग्राउंड में 200 करोड़ रुपए की लागत से वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाने, 1500 करोड़ रुपए का सम्पवेल प्रोजेक्ट और डिजिटल सिटी के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा जाएगा। 

सड़कों के मास्टर प्लान के लिए 469 करोड़ रुपए

बजट में अमृत 2 के लिए 2200 करोड़ रुपए, सड़कों के मास्टर प्लान के लिए 469 करोड़ रुपए और नमामि गंगे योजना के लिए 511 करोड़ रुपए के प्रस्ताव भी शामिल हैं। इन तीनों प्रोजेक्ट में तीन हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। 100 करोड़ रुपए की लागत से 125 सड़कों को पूरा करने का भी प्रस्ताव है। मेयर पास के रूप में छात्रों को मिलने वाली छूट कम की जा सकती है। अभी छात्रों को 25 प्रतिशत राशि के साथ पास जारी किए जाते थे। अब छूट आधी की जा सकती है। 

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए भी छूट का प्रावधान

सिटी बस पास और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए भी छूट का प्रावधान हो सकता है। इस साल निगम अपना पोर्टल बनाने जा रहा है, इसलिए डिजिटल सिटी के बजट में पिछले साल की तुलना में 10 से 15% की बढ़ोतरी की जा रही है।  आवासीय संपत्तियों पर कचरा शुल्क नहीं बढ़ाया जा रहा है, लेकिन जलकर शुल्क में 100 रुपए की बढ़ोतरी होगी। संपत्ति कर में भी दो से तीन रुपए की बढ़ोतरी हो सकती है।

आय 800, बजट 8 हजार करोड़

नगर निगम की आय की बात करें तो विभिन्न प्रकार के करों से उसे 700 से 800 करोड़ रुपए की आय होती है। चुंगी व अन्य योजनाओं से प्राप्त राशि की बात करें तो यह एक हजार करोड़ से अधिक नहीं होती। साढ़े सात से आठ हजार करोड़ का बजट पेश होने पर भी निगम को इतनी आय नहीं होती। स्थिति यह है कि वर्तमान में ठेकेदारों से 450 करोड़ रुपए का भुगतान अभी भी बकाया है। निगम दो साल से वित्तीय संकट की बात कह रहा है।

महापौर केसरी प्रतियोगिता का बजट बढ़ेगा

गणेशोत्सव व महापौर केसरी प्रतियोगिता के लिए मिलने वाला अनुदान 30 लाख से बढ़ाकर 35 लाख रुपए किया जाएगा। निगम इस वर्ष एक बड़ा कवि सम्मेलन भी आयोजित करेगा, जिसके लिए बजट का प्रावधान होगा।  बजट में खेलकूद के लिए 2 करोड़ रुपए अनुदान, विधायक निधि से बनने वाली छह पानी की टंकियों के लिए भी प्रावधान होगा। बावड़ियों के जीर्णोद्धार के लिए करोड़ों रुपए की धनराशि आवंटित की जाएगी। पिछली बार भी इसका प्रावधान था, लेकिन राशि खर्च नहीं हो पाई थी। 

इस तरह बढ़ेगा टैक्स का बोझ 

आवासीय नल कनेक्शन पर 100 रुपए बढ़कर 300 रुपए हो जाएगा गैर आवासीय आधा इंच कनेक्शन का शुल्क 750 रुपए है, अभी 1000 रुपए, फैक्ट्री संचालकों को 1500 रुपए देने पड़ सकते हैं। 6 इंच बल्क कनेक्शन पर 60 हजार 200 रुपए लगते हैं, यह भी 10 से 20 हजार रुपए तक है। जलकर में बढ़ोतरी से 100 करोड़ रुपए की संभावित आय है। 

आवासीय संपत्ति पर संपत्ति कर में 2 से 3 रुपए प्रति वर्ग फीट की बढ़ोतरी होगी।  जोन-1 में 3 रुपए प्रति वर्ग फुट और जोन 2, 3, 4 और 5 में 2 रुपए प्रति वर्ग फुट की दर बढ़ेगी। 108 कॉलोनियों के रेट जोन बदलेंगे। • व्यावसायिक संपत्ति पर 4 से 7 रुपए प्रति वर्ग फुट बढ़ोतरी होगी।

कचरा शुल्क: अस्पताल, टाउनशिप और बड़े संस्थानों में थोक कचरा शुल्क बढ़ेगा। अभी ये 180 से 200 रुपए लेते हैं। एक टन से ज्यादा कचरा देने वालों से ज्यादा शुल्क लिया जाएगा। घरों को इससे मुक्त रखा गया है। उनसे बढ़ा हुआ कचरा शुल्क नहीं लिया जाएगा। उन्हें सिर्फ 150 रुपए देने होंगे।

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