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उत्तरप्रदेश में 63 गांवों से जमीन अधिग्रहण कर बनेगा लिंक एक्सप्रेसवे, किसानों को मिलेगा ये बड़ा फायदा

UP News: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बिना भेदभाव के हर क्षेत्र में विकास कार्य कर रही है। आवागमन कनेक्टिविटी को और तेज बनाने के लिए अब एक और लिंक एक्सप्रेसवे बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इस नए लिंक एक्सप्रेसवे के लिए किसानों से सर्किल रेट से चार गुना अधिक कीमत पर जमीन अधिग्रहण पर चर्चा हो रही है।

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उत्तरप्रदेश में 63 गांवों से जमीन अधिग्रहण कर बनेगा लिंक एक्सप्रेसवे, किसानों को मिलेगा ये बड़ा फायदा

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में हर क्षेत्र में योगी सरकार बिना भेदभाव के विकास करवा रही है। उत्तर प्रदेश में आवागमन कनेक्टिविटी को और ज्यादा रफ्तार देने की दिशा में एक और लिंक एक्सप्रेसवे बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है. देश में सबसे ज्यादा एक्सप्रेस वाले राज्य का खिताब उत्तर प्रदेश के पास है. किसानों से इस लिंक एक्सप्रेस वे के लिए सर्किल रेट से चार गुना अधिक कीमत पर जमीन अधिग्रहण की चर्चा चल रही है. 

जमीन की कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी 

उत्तर प्रदेश में निरंतर सड़कों का निर्माण करवा कर प्रदेश वासियों के लिए अच्छी आवागमन कनेक्टिविटी प्रदेश सरकार की तरफ से मुहिया करवाई जा रही है. 115 किलोमीटर लंबी लिंक एक्सप्रेसवे को लेकर 63 गांव में जमीन अधिग्रहण किया जाएगा. जमीन की कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी आने का अनुमान है. योगी सरकार का बुंदेलखंड के विकास पर भी खास ध्यान लगा हुआ है. जालौन झांसी लिंक एक्सप्रेस वे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को झांसी के पास विकसित हो रहे औद्योगिक शहर से कनेक्ट होगी. जालौन-झांसी लिंक एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को झांसी के पास बढ़ रहे औद्योगिक शहर से जोड़ेगी। यह सड़क पहले चार लेन की होगी, लेकिन बाद में इसे छह लेन तक बढ़ाया जा सकेगा।

63 गांवों की जमीन अधिग्रहण 

यूपी देश का सबसे अधिक एकसप्रेसवे वाला राज्य बन गया है। बुंदेलखंड का विकास भी सरकार की प्राथमिकता में है। इसलिए कई प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। अब सरकार झांसी के औद्योगिक शहर को नोएडा की तरह कनेक्ट करने के लिए एक लिंक एक्सप्रेसवे भी बनाएगी। सरकार ने इसे पहले ही मंजूर कर लिया है, और अब सर्वेक्षण और अन्य प्रक्रियाओं की शुरुआत हो रही है। इस लिंक एक्सप्रेसवे की दूरी जालौन से झांसी के एरच तक 115 किलोमीटर होगी। इसके लिए 63 गांवों की जमीन अधिग्रहण की जाएगी। एक्सप्रेसेव के लिए सरकार किसानों की जमीन का चार गुना अधिक मूल्य वसूलेगी। इससे एक्सप्रेसवे के आसपास की जमीन की कीमतें बहुत अधिक होने की संभावना है।

बजट लगभग 1300 करोड़ रुपये

जालौन-झांसी लिंक एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को झांसी के पास बढ़ रहे औद्योगिक शहर से जोड़ेगी। यह सड़क पहले चार लेन की होगी, लेकिन बाद में इसे छह लेन तक बढ़ाया जा सकेगा। इस परियोजना पर यूपी एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) तेजी से काम कर रही है। इस कार्रवाई से बुंदेलखंड की अर्थव्यवस्था और उद्योग पूरी तरह से बदलने की संभावना है। जालौन से झांसी तक एक नया एक्सप्रेसवे बनाने का बजट लगभग 1300 करोड़ रुपये है।

इन गांवों से मार्ग बनेगा

जालौन-झांसी लिंक एक्‍सप्रेसवे गरौठा-गोगल, कुडरी, डुंडी, टेहरका, टहरौली शमशेरपुरा, खिरियाराम, नरी, सिमथरी, मुडई, बिरथारी, सुरवई, रामनगर, करगुवां, बरल, मोंठ खुर्द, नंदसिया, देवरा, निबि, परगाना, मलहेटा, अहरौरा, टिमरौन, गोरन, जैसारी कला, किशोरा, अंडोल, भदरवारा बुजुर्ग, बरगढ़, आरी, कोट, लकरा, रोनिजा, मेढ़का, चक मेढ़का, स्किल बुजुर्ग, नया केरा, लभेरा, गोरा, जुझारपुरा, बिलाटी खेर, रौतनपुरा,  रावतपुरा, पथरेंदी, दिनेरा, फूलखिरिया, कल्याणपुरा स्टेट, कलौथरा घाट, मोंठ बरहेटा, डबरी, पुराचीर, मुसावली, मुड़गांव, गंगावली, परासार, पाली परासार, खिरिया पाली, मवई गिर्द,  चंद्रा, अंबाबाय, कलोथरा, सारमऊ, सिमरा, पुनावली कला, रक्सा, डगरवाहा, उरई-फूलपूरा,  कोटरा और हिलगना जैसे गांवों से होकर निकलेगा.

किसानों को लाभ, आवाजाही आसान होगी

जालौन-झांसी लिंक एक्सप्रेसवे के लिए किसानों से सर्किल दर से चार गुना अधिक भूमि अधिग्रहण की मांग की जा रही है। इसके अलावा, इसके बनने से पूरे क्षेत्र में संपत्ति की कीमतें बढ़ने की संभावना है। जालौन से झांसी जाना भी पहले से और ज्यादा सुगम होगा और सफर भी कम समय पूरा होगा। इस समय यात्रा लगभग तीन घंटे में पूरी होती है। जालौन-झांसी लिंक एक्सप्रेसवे बनने से ट्रैवल टाइम बहुत कम होगा। झांसी में औद्योगिक गतिविधियों के बढ़ने से स्थानीय लोगों को नौकरी के नए अवसर भी मिलेंगे।

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