Noida में 100-100 एकड़ जमीन पर बनेंगे लेदर पार्क, प्लास्टिक पार्क, इलेक्ट्रिक व्हीकल पार्क और हैंडीक्राफ्ट पार्क
Saral Kisan News : यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-10 में 1300 एकड़ भूमि अधिग्रहण करने की सामाजिक समाघात निर्धारण समिति (एसआईए) ने रिपोर्ट प्रशासन को भेज दी है। अब जल्द ही जमीन अधिग्रहण की धारा-11 की प्रक्रिया शुरू होगी। सौ-सौ एकड़ भूमि पर लेदर पार्क, प्लास्टिक पार्क, इलेक्ट्रिक व्हीकल पार्क और हैंडीक्राफ्ट पार्क बनने हैं।
अब इसी सेक्टर में 500 एकड़ भूमि को सेमीकंडक्टर हब के रूप में विकसित किया जाएगा। यूपी में पहली बार सेमीकंडक्टर का इतना बड़ा हब बनाया जाएगा, हालांकि इससे पहले गुजरात में इसे बनाया गया था और वहां पर सफल नहीं हो पाया था। इसलिए इसे देश का पहला सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट भी कहा जा सकता है।
यीडा ने 1300 एकड़ भूमि पर सेक्टर-10 को औद्योगिक सेक्टर के रूप में विकसित करने की योजना बनाई थी। इसमें किसानों से सीधे जमीन क्रय की गई थी। जिन किसानों ने प्राधिकरण को सीधे जमीन नहीं दी थी, उनकी जमीन को अधिग्रहण करने की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके लिए प्रशासन ने जीबीयू और दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों की टीम से एसआईए का सर्वे कराया गया था। एसआईए कमेटी ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी है और यह रिपोर्ट अब शासन को भेजी जाएगी।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि अब तक सेक्टर-10 में 100-100 एकड़ भूमि पर लेदर पार्क, प्लास्टिक पार्क, इलेक्ट्रिक व्हीकल पार्क, हैंडीक्राफ्ट पार्क बनने थे, जबकि इसी सेक्टर में 75 हेक्टेयर में पहले ट्रांसपोर्ट नगर बनाया जाना प्रस्तावित था। मगर अब इस योजना को बदल दिया गया है और ट्रांसपोर्ट नगर को सेक्टर-33 में बनाया जाएगा। अब सेक्टर-10 में 500 एकड़ में सेमीकंडक्टर हब बनाया जाएगा।
यमुना प्राधिकरण में औद्योगिक इकाइयों की स्थिति-
यीडा ने सेक्टर-24, 24ए, 29,32, 33 और सेक्टर-28 में अब तक 2925 कंपनियों का भूखंड आवंटित किए हैं। इनमें 1525 इकाइयों की चेकलिस्ट जारी की जा चुकी है। जिससे आवंटी रजिस्ट्री की तैयारी कर सकेंगे, जबकि 645 आवंटियों ने औद्योगिक भूखंडों की रजिस्ट्री करा ली है। सीईओ ने बताया कि अभी करीब 10 कंपनियों ने ही उत्पादन शुरू किया है। अगले छह माह में 100 कंपनियों को स्थापित कराते हुए उत्पादन कार्य शुरू कराने का लक्ष्य रखा गया। जल्द ही कुछ और औद्योगिक सेक्टरों में जमीन खरीद प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और उसके बाद और कंपनियों को जमीन आवंटित कर दी जाएगी।
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