उत्तर प्रदेश में रिंग रोड के लिए 35 गांवों की जमीन होगी अधिग्रहण, जल्द होगा कार्य शुरू

Uttar Pradesh : इनर रिंग रोड योजना के अंतर्गत पहले दो चरणों का काम जल्द शुरू होना है। इसके लिए अप्रैल में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है। इनर रिंग रोड प्रोजेक्ट के लिए लगभग 35 गांवों से जमीन ली जानी है। इसके लिए लगभग पांच सौ करोड़ रुपये मुआवजे का अनुमान है।
31.4 किलोमीटर की सड़क का पहला चरण, यानी इनर रिंग रोड, तीन चरणों में बनाया जाएगा। 15 किलोमीटर का काम अब तक पूरा हुआ है। 16.4 किलोमीटर बाकी काम शुरू होना चाहिए। पहले चरण में फूलपुर से करछना में 23 किलोमीटर लंबी सड़क, सात अंडरपास, दो रेलवे पुल और तीन पुल बनाए जाएंगे। इनमें दो गंगा नदी पर बनने वाले पुलों में पहला पुल झूंसी (गंगा पार) और नैनी (यमुना पार) को जोड़ेगा। रिंग रोड परियोजना का एक हिस्सा होने के कारण झूंसी और नैनी के बीच एक दूसरा पुल भी प्रस्तावित है।
साल 2026 तक बनकर तैयार होंगे, दोनों पुल
ये दोनों सिक्स लेन पुल हैं। नया यमुना पुल और शास्त्री पुल पर वाहनों का दबाव इन पुलों के निर्माण से कम होगा। दोनों पुलों का निर्माण मई और जून 2026 तक पूरा होना चाहिए। बक्शी गांव में भी यमुना नदी पर एक पुल बनाया जाएगा। इस पर काम महाकुंभ से पहले शुरू हुआ था। 15 किलोमीटर की दूरी अब तक पूरी की जा सकती है। इनमें एक रेलवे ओवर ब्रिज और चार अंडर पास कार्य पूरे हो चुके हैं।
प्रयागराज इनर रिंग रोड का पहला चरण तीन चरणों में 30 किलोमीटर का काम करेगा। लवायन कला से शुरू होकर सहसो बाईपास के पास एनएच-2 से जुड़ने वाला पहला चरण 45 गांवों से गुजरने वाली 29.466 किलोमीटर सड़क बनाएगा। पहले चरण के तीनों फेज, जिसमें 65 किलोमीटर की रिंग रोड का निर्माण शामिल है, लगभग 3100 करोड़ रुपये का खर्च होगा।
इनर रिंग रोड के पहले चरण में तीनों चरणों का निर्माण चल रहा है। इनमें एक रेलवे पुल और 15 किलोमीटर की सड़क का काम पूरा हुआ है। इसके अलावा, अप्रैल महीने में अतिरिक्त निर्माण कार्यों के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी।