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उत्तर प्रदेश में औद्योगिक गलियारे के लिए, चार गुना अधिक कीमत पर होगा जमीन अधिग्रहण

UP News :उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेस वे किनारे औद्योगिक गलियों का निर्माण किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेसवे किनारे औद्योगिक गलियारे के लिए भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो गया है। औद्योगिक गलियारे के लिए 101 हेक्टेयर भूमि किसानों से अधिग्रहण की जानी है। अप्रैल में भूमि अधिग्रहण का काम पूरा होना था लेकिन चुनाव के चलते मैं मई महीने में पूरे होने की पूरी संभावना है।
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उत्तर प्रदेश में औद्योगिक गलियारे के लिए, चार गुना अधिक कीमत पर होगा जमीन अधिग्रहण

Saral Kisan, Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेस वे किनारे औद्योगिक गलियों का निर्माण किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेसवे किनारे औद्योगिक गलियारे के लिए भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस का करीब 41 किलोमीटर का हिस्सा यहां से गुजरेगा। बता दे की गोदियाल गांव के पास औद्योगिक गलियारा बनाने का सरकार का प्लान है। गंगा एक्सप्रेस-वे का 41 किलोमीटर का हिस्सा शाहजहांपुर से गुजरेगा। इसमें जलालाबाद तहसील का लगभग 27 किमी क्षेत्र शामिल है। सदर और तिलहर तहसील शेष भाग को शामिल करती हैं। सरकार ने क्षेत्र के गुलड़िया गांव में औद्योगिक गलियारा बनाने के लिए 101 हेक्टेयर जमीन प्रस्तावित की है। ग्राम समाज दो हेक्टेयर जमीन पर मालिक है। 99 हेक्टेयर खेत किसानों के पास हैं।

पूर्व में किसान जमीन अधिग्रहण का विरोध करते थे। बाद में प्रशासन ने किसानों को सम्मान देना शुरू किया। सर्किल रेट से चार गुना अधिक कीमत पर जमीन किसानों को कीमत दी जा रही है। इसके लिए 60 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित कर ली गई है। बता दे की 99 हेक्टेयर में 800 के आसपास किसानों की जमीन है।  राजस्व विभाग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है।

अधिग्रहण का काम अप्रैल में पूरी होनी चाहिए थी, लेकिन लोकसभा चुनाव की वजह से प्रक्रिया धीमी हो गई। भूमि अधिग्रहण का कार्य संभवतः मई में समाप्त हो जाएगा। यूपीडा बैनामे पारित होने के बाद औद्योगिक गलियारे का निर्माण शुरू करेगा। उद्योगों की स्थापना स्थानीय लोगों को नौकरी देगी। साथ ही क्षेत्र का विकास तेजी से होगा। लोगों की आय के साधन अधिक होंगे। नौकरी की तलाश में बेरोजगारों को कहीं नहीं जाना पड़ेगा। गुलड़िया जैसे पिछड़े इलाके में विकास कार्यों को गति मिलेगी। लोग अपने रोजगार भी शुरू कर सकेंगे।

औद्योगिक गलियारा बनाने का प्रस्ताव पहले कुछ स्थानीय लोगों ने विरोध किया था। उनका दावा था कि पहले गंगा एक्सप्रेस-वे पर उनका हक था। औद्योगिक गलियारे के लिए बाकी जमीन दी जाएगी। ग्रामीणों ने भी अधिकारियों से विरोध जताया। ग्रामीणों को प्रशासनिक अधिकारियों ने बुलाया। शर्त यह रखी गई कि क्षेत्र के लोगों को औद्योगिक गलियारे में रोजगार दिया जाएगा। बाद में किसान अधिग्रहण के लिए तैयार हुए।

औद्योगिक गलियारे में बैनामा की शुरुआत हुई है। अब तक 196 किसानों ने अपनी जमीन का बैनामा कराया है। भूमि अधिग्रहण के लिए जल्द से जल्द प्रयास किए जा रहे हैं। औद्योगिक गलियारों का निर्माण तेजी से हो रहा है। जमीन अधिग्रहण का काम तेजी से चल रहा है।अधिग्रहण के बाद इसका निर्माण शुरू होगा। इसके बाद यहां कंपनियां स्थापित होंगी।

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