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Kashmir : खूबसूरती के मामले में इस जगह की 80 साल महिलाओं के आगे फेल हैं 20 की जवान लड़कियां

Hunja Valley: साल 1984 में, ब्रिटेन ने हुंजा के रहने वाले को वीजा देने से इनकार कर दिया, क्योंकि वह 1832 में पैदा हुआ था, इससे हुंजा वैली में अधिक उम्र की पहली घटना हुई।

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Kashmir: In terms of beauty, 20 year old girls fail in front of 80 year old women of this place.

Hunja Valley in Kashmir: हर कोई जवान और सुंदर रहना चाहता है। लोग इसके लिए बहुत जतन करते हैं। उम्र बढ़ने के साथ-साथ खूबसूरती भी कम होती है, लेकिन दुनिया में ऐसे स्थान हैं जहां 80 वर्ष की महिलाएं भी जवान और सुंदर दिखती हैं। हाँ, आपने सही पढ़ा। यहाँ की महिलाओं की शारीरिक क्षमता इतनी अच्छी है कि वे 65 साल की उम्र में मां बन सकती हैं। आइए जानते हैं ये स्थान कहाँ है और स्थानीय लोगों की खान-पान और जीवनशैली क्या है?

यह हुंजा वैली है

बात पाकिस्तान की हुंजा वैली की है। यहाँ की महिलाओं को विश्व की सबसे सुंदर महिलाओं में से एक माना जाता है। साल 2019 के सबसे कूलेस्ट प्लेस टू विजिट की लिस्ट में हुंजा वैली को प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय पत्रिका फोर्ब्स ने भी शामिल किया था। यहाँ की औसत उम्र सौ वर्ष से अधिक है। यहां भी लोग बीमार नहीं होते। साल 1984 में, ब्रिटेन ने हुंजा के रहने वाले को वीजा देने से इनकार कर दिया, क्योंकि वह 1832 में पैदा हुआ था, इससे हुंजा वैली में अधिक उम्र की पहली घटना हुई।

हुंजा वैली के लोगों की स्वस्थ जिंदगी पर कई विदेशी लेखकों ने लेख लिखे हैं। हुंजा वैली के पानी में ग्लेशियर से पिघलकर आने वाले मिनरल्स और एंटीऑक्सिडेंट की मात्रा बहुत अधिक है, जैसा कि वैज्ञानिक और लेखक डॉक्टर इजतोक ओस्तन ने अध्ययन किया। इसलिए यहाँ की जनता स्वस्थ रहती है। 

यहाँ के लोग जल्दी क्यों नहीं होते?

हुंजा वैली में लोगों का जीवन सादा है। यहां लोग सुबह पांच बजे उठ जाते हैं और काफी पैदल घूमते हैं। यहां की महिलाएं बूढ़ी होने पर भी युवा लगती हैं। यहाँ मर्द 80 साल की उम्र में भी पिता बन सकते हैं और महिलाएं 60 साल की उम्र में मां बन सकती हैं। देश दुनिया की ऐसी जगहें जहां लाइफ एक्सपेक्टेंसी बहुत ज्यादा होती है, ब्लू जोन कहलाती हैं. हुंजा वैली को भी उसी ब्लू जोन में शामिल किया गया है.

क्या खाते हैं स्थानीय लोग?

हुंजा वैली में लोग दोपहर में और फिर रात में ही खाते हैं। खेती में कैमिकल वाले उर्वरक का इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है। यहां के लोग खासतौर पर सूखे मेवे या मेवे से बने पेय पीते हैं। कुट्टू, जौ, बाजरा और गेहूं लोगों ने खाने में इस्तेमाल किया है। इसके अलावा, स्थानीय लोग खूबानी खाते हैं। यहाँ नॉन वेज सिर्फ एक खास अवसर पर पकाया जाता है।

मैंने कैंसर का नाम भी नहीं सुना!

हुंजा वैली के लोगों का कहना है कि वे अबतक कैंसर नामक बीमारी का नाम नहीं सुना है। यहाँ कोई कैंसर नहीं है। धूप में सूखे हुए अखरोट में विटामिन बी-17 पाया जाता है, इसलिए लोग इसे खाने में बहुत पसंद करते हैं। यह शरीर की एंटी कैंसर प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह भी कहा जाता है कि यूनान का राजा सिकंदर भी हुंजा की सुंदरता और स्वच्छ हवा से प्रभावित हुआ था।

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