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महंगाई ने बिगाड़ा आम आदमी की रसोई का बजट, वेज थाली 10 फीसदी व नॉनवेज का 5 फीसदी तक बढ़ा

बेमौसम बारिश ने टमाटर और प्‍याज की फसल को क्षति पहुंचाई है। बेमौसम बारिश ने टमाटर और प्‍याज की फसल को क्षति पहुंचाई है।
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Inflation spoiled the common man's kitchen budget, veg thali increased by 10 percent and non-veg thali by 5 percent.

Saral Kisan, नई दिल्‍ली : त्योहारी सीजन में बढ़ी मांग और खपत के साथ-साथ बेमौसम बारिश की मार से महंगाई डायन आम आदमी की रसोई में घुस गई है। नवंबर में, वेज और नॉन वेज दोनों तरह की थाली की कीमतें बढ़ गईं। त्योहारों और मार्केट में प्याज और टमाटर की आपूर्ति कम होने से नवंबर में खपत बढ़ी, रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने हालिया रिपोर्ट में बताया। आम आदमी की थाली भी इससे प्रभावित हुई है।

क्रिसिल ने बताया कि नवंबर में घर में पकने वाली वेज थाली 10 फीसदी महंगी हुई, जबकि वेज थाली 5 फीसदी महंगी हुई। टमाटर और प्‍याज की कीमतों ने इस पर सबसे अधिक प्रभाव डाला है। बीते महीने में प्‍याज का मूल्य 58% और टमाटर का 35% बढ़ा है। खरीफ सीजन में बेमौसम बारिश से उत्पादन में कमी आना इसके मूल्य बढ़ने की सबसे बड़ी वजह है।

नॉन वेज थाली का प्रभाव

घर में पकने वाली नॉनवेज थाली का मूल्य बस आधा बढ़ा है। इसकी वजह ये है कि 50 प्रतिशत नॉनवेज थाली की लागत में चिकन या मटन की बाजार कीमत में 1 से 3 प्रतिशत की गिरावट आई है। इससे नॉनवेज थाली की मांग भी घटी है। प्‍याज और टमाटर की कीमतें बढ़ने से नॉनवेज थाली भी कुछ महंगी हो गई है।

वेज थाली की लागत क्यों बढ़ी

रसोई में बनने वाली वेज थाली की लागत में पिछले महीने दस प्रतिशत का उछाल हुआ है। वहीं, वेज थाली का मूल्य प्रति वर्ष 9% बढ़ा है। प्‍याज और टमाटर भी इस पर सबसे प्रभावी हैं। साथ ही दालों की कीमतें बढ़ी हैं, जिससे वेज थाली भी महंगी हुई है। सालाना आधार पर प्‍याज की कीमत लगभग 93 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि टमाटर की कीमत 15 प्रतिशत बढ़ी है।

बारिश का कितना असर

महाराष्ट्र, देश का सबसे बड़ा प्‍याज उत्पादक राज्य, इन दिनों बारिश की वजह से खरीफ की फसल पर संकट में है। यहां सबसे अधिक प्‍याज नासिक, अहमदनगर, धुले, जलगांव और पुणे में बनाया जाता है। लेकिन इन दिनों बेमौसम बारिश से लगभग 30-35 प्रतिशत प्‍याज की फसल पानी से प्रभावित हुई है। 5 से 10 प्रतिशत फसल बर्बाद हो चुकी है। थोक मंडी में प्‍याज का मूल्य लगभग 1000 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ा है।

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