Indian Railways: ट्रेन से कूदी महिला, क्या रेलवे देगा मुहावजा? कोर्ट का आया आदेश
Railway Knowledge: ट्रेन में सफर करते समय हमें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी दौरान कई बार बड़े हादसों का शिकार हो जाते हैं। कई बार जल्दबाजी के चक्कर में यात्री चलती हुई ट्रेन से कूद जाते हैं। तो इस परिस्थिति में क्या उनको मुहावजा देता है। इसी के चलते कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा एक अहम फैसला दिया गया। कोर्ट ने रेलवे को 800000 रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया।
भारतीय रेलवे से रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं। यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे पूरी तरह ध्यान देता है। रेलवे द्वारा दुर्घटना होने पर घायल हुए या मरने वाले लोगों को मुआवजा दिया जाता है। यह मुआवजा तभी जारी किया जाता है जब गलती रेलवे की हो। लेकिन एक ऐसा मामला आया है जहां एक महिला की गलती के कारण उसकी मौत हुई, लेकिन फिर भी रेलवे को मुहावजा देना पड़ा।
मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार महिला कर्नाटक के चन्नापटना रेलवे स्टेशन पर गलत गाड़ी में चढ़ गई। गलती का अहसास होते ही वह घबरा कर चलती ट्रेन से कूद गई, जिससे उसकी मौत हो गई।
जानिए क्या है पूरा मामला
बता दे कि कर्नाटक की दो महिलाएं जयाम्मा और उनकी बहन रत्ताम्मा ने तिरुपति पैसेंजर ट्रेन से मैसूर का टिकट लिया था। परंतु गलती से वे टूटी कोरियन एक्सप्रेस ट्रेन में सवार हो गई थी। जैसे ही ट्रेन स्टेशन से निकलने लगी उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ और वे घबराकर ट्रेन से कूद गई। जयाम्मा प्लेटफार्म पर गिर गई और उन्हें थोड़ी बहुत चोटें आई। लेकिन बाद में उनकी मौत हो गई। साल 2016 में उनके परिवार ने रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल बेंगलुरु को रुख किया। ट्रिब्यूनल ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि महिला के पास दो विकल्प थे या तो वह यात्रा को जारी रख सकती थी या फिर अगले स्टेशन पर उतर कर वापस आ सकती थी। इसके अलावा वह चेन खींचकर ट्रेन को रुकवा सकती थी।
कर्नाटक हाई कोर्ट ने दिया आदेश
हाई कोर्ट ने कहा कि यात्रियों को ले जा रही ट्रेन में किसी यात्री की आक्ष्मिक रूप से गिरने की घटना को अप्रिय घटना कहा जाता है। इसके लिए रेलवे प्रशासन मुआवजा देने के लिए उत्तरदाई है। कोर्ट ने अपनी सुनवाई में अधिनियम धारा 124ए के तहत फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि महिला को चार लाख रुपए का मुआवजा और 7 फ़ीसदी की ब्याज दर से पैसे देने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि ब्याज जोड़ने के बाद अंतिम राशि 800000 रुपए से कम नहीं होनी चाहिए।
जानकारी अनुसार बता दें कि रेलवे में दुर्घटना से घायल होने या मरने वालों को विभाग द्वारा मुआवजा दिया जाता है। रेलवे का यह मुआवजा लायबिलिटी रेलवे एक्ट 1989 की धारा 124 और 124ए के तहत तय किया गया है।