उत्तर प्रदेश के इस शहर में घर खरीदने वालों की हुई मौज, पानी की खत्म होगी टेंशन, किसानों को मिलेगी राहत
Saral Kisan : शनिवार को ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के बोर्ड की बैठक हुई। इसमें मास्टर प्लान 2041 को मंजूरी देने सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय किए गए। साथ ही, अथॉरिटी ने अपने छोटे-छोटे आवंटियों को बहुत राहत दी है। बहुमंजिला फ्लैट आवंटियों के लिए प्राधिकरण बोर्ड ने एकमुश्त समाधान योजना (OTS) को मंजूरी दी है। अब ओटीएस तीन महीने का होगा। इससे लीज डीड विलंब शुल्क, प्रीमियम और अतिरिक्त प्रतिकर से छुटकारा मिलेगा। यह लगभग 2200 फ्लैट खरीदारों को लाभ देगा और प्राधिकरण को लगभग 468 करोड़ रुपये मिलेंगे।
प्राधिकरण के संपत्ति विभाग ने बहुमंजिला फ्लैटों के आवंटियों के लिए ओटीएस का प्रस्ताव रखा। विभाग ने बोर्ड को बताया कि एकमुश्त समाधान योजना को लागू करने से लगभग 2200 बहुमंजिला फ्लैटों की लीज डीड का काम पूरा हो सकेगा। इससे भी प्राधिकरण को 468 करोड़ रुपये का बकाया पैसा मिल सकता है। इस प्रस्ताव को बोर्ड ने मंजूरी दी। ओटीएस लागू होने से प्रीमियम की बकाया धनराशि और प्रतिकर पर पेनल्टी से राहत, लीज डीड के विलंब शुल्क पर 40 से 80 प्रतिशत (60 वर्ग मीटर से अधिक) और 20 से 40 प्रतिशत की राहत मिलेगी।
माथापच्ची
साथ ही, ग्रेटर नोएडा और ग्रेनो वेस्ट में पानी के बकाया बिलों का लंबे समय से चल रहा विवाद अब समाप्त हो सकेगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन (AOA) पानी का बिल एओए को देगा, AOA के गठन की तिथि से, जबकि बिल्डर को पहले का बिल देना होगा। ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में लगभग 200 सोसाइटी बन रही हैं। अब तक, इनमें से लगभग 35 सोसाइटियों के पानी के बिल पर बिल्डर और एओए में लंबे समय से बहस चल रही है। अब तक कोई स्पष्ट पॉलिसी नहीं होने के कारण बाधा उत्पन्न हुई है।
बिल्डर हैंडओवर होते ही एओए को सभी बकाया देयता के लिए जिम्मेदार बताया जाता है, जबकि एओए पहले से ही बिल्डर को जिम्मेदार मानते हैं। इस प्रकार का प्रस्ताव प्राधिकरण बोर्ड में प्रस्तुत किया गया था। बोर्ड ने इस पर मुहर लगा दी और स्पष्ट किया कि अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन (HOA) गठन की तिथि से HOA पानी का बिल देगा, जबकि बिल्डर को पहले का बिल देना होगा। इससे भी प्राधिकरण को अब लगभग 65 करोड़ रुपये का बकाया बिल वसूलने में आसानी होगी।
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किसानों का धन
ग्रेटर नोएडा के किसानों ने लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा किया। बोर्ड बैठक में किसानों के हित में तीन महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। पहला, जो किसान अब तक आबादी जमीन पर घर नहीं बना पाए हैं, वे विलंब शुल्क के बिना घर बना सकते हैं। यदि वह परिवार से बाहर बेचा जाए तो सामान्य भूखंडों की शर्तें लागू होंगी। दूसरा, पहले 120 मीटर थी, लेकिन अब 40 मीटर की न्यूनतम सीमा किसानों को दी गई है। यदि मूल काश्तकार और उनके उत्तराधिकारी गण के बीच नियोजन के नियमों को ध्यान में रखते हुए यह विभाजित किया जाता है। तीसरा, ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण की अधिकतम ऊंचाई 11 मीटर से 15 मीटर कर दी गई है, जो नोएडा की समान है।
लगभग 40 हजार हेक्टर जमीन में ग्रेटर नोएडा फेस टू बसाया जाएगा। मास्टर प्लान 2041 को प्राधिकरण बोर्ड ने मंजूरी दी है। 31733 हेक्टेयर का पहला फेज ग्रेटर नोएडा में है। दोनों चरणों का विकास होने पर ग्रेटर नोएडा लगभग 71 हजार हेक्टेयर का हो जाएगा। ग्रेटर नोएडा फेस टू में व्यावसायिक क्षेत्रों को अधिक प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें आवासीय, ग्रामीण आबादी, मिश्रित जमीन उपयोग, कृषि, संस्थागत और परिवहन के लिए क्षेत्र भी प्रस्तावित किए गए हैं। फंसे हुए फ्लैटों की रजिस्ट्री जल्द हो सकती है, इससे बायर्स की मुश्किलें कम होंगी। 33 सेक्टरों में गंगाजल की सप्लाई करने वाले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड को 85 गंगाजल परियोजनाओं की प्रगति रिपोर्ट भी दी गई। जल विभाग ने बताया कि अभी 33 सेक्टरों में गंगाजल की आपूर्ति की जा रही है। अगस्त तक 39 सेक्टरों को गंगाजल मिलेगा। पहली चरण में, आगामी सितंबर तक 58 सेक्टरों में गंगाजल उपलब्ध कराया जाएगा।
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