राजस्थान में खेतों से गुजरने वाली इन ट्रान्समिशन बिजली लाइनों में इस्तेमाल जमीन का मिलेगा 4 गुना मुआवजा
Rajasthan land acquisition: राजस्थान सरकार की जनहितकारी नीतियों का लाभ अब प्रदेश के किसानों को भी सीधे रूप में मिलने लगा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए ट्रांसमिशन लाइनों (400 केवी से अधिक क्षमता) से प्रभावित भूमि पर मुआवजे की संशोधित नीति को मंजूरी दे दी है।

Rajasthan Government : राजस्थान में सरकार की अच्छी परियोजनाओं के चलते प्रदेश के हर वर्ग की जनता को लाभ मिल रहा है. सूबे की मुख्यमंत्री बदन लाल शर्मा ने किसानों को बड़ी राहत दी है. सरकार की तरफ से किसानों को दिए जाने वाली मुआवजा संशोधित नीति को मंजूरी दी है. राजस्थान में खेतों से गुजरने वाली बिजली की लाइनों के लिए अतिरिक्त पैसा दिया जाएगा. इलाके के डीएलसीआरओ के मुताबिक जमीन मूल्य पर पहले से दिया 200 फीसदी के अलावा अब 200 फीसदी और मुआवजा दिया जाएगा। इस संशोधित नीति के चलते किसानों को तगड़ा फायदा पहुंचेगा.
किसानों को मुआवजा देने की संशोधित नीति को मंजूरी
राजस्थान में 400 केवी से अधिक क्षमता की नई ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण के लिए प्रभावित किसानों को अब राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पथाधिकार (Right of Way - ROW) से प्रभावित भूमि पर किसानों को मुआवजा देने की संशोधित नीति को मंजूरी प्रदान कर दी है। 400 केवी और उससे अधिक क्षमता की नवीन ट्रान्समिशन लाइनों के निर्माण पर पथाधिकार (ROW) से प्रभावित भूमि पर किसानों को मुआवजे की संशोधित नीति को मंजूरी दी गई है।
मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में लिया गया निर्णय से अब 400 केवी से अधिक ट्रान्समिशन लाइनों के निर्माण में अतिरिक्त धनराशि दी जाएगी। उन्होंने किसानों की वर्षों पुरानी मांग को स्वीकार किया है ताकि भविष्य में ट्रान्समिशन लाइनों के पथाधिकार और टावर क्षेत्र में उपयोग में आने वाली भूमि का किसानों को उचित मुआवजा मिल सके।
किसानों को बहुत लाभ मिलेगा
ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर ने कहा कि संशोधित नीति से किसानों को बहुत लाभ मिलेगा क्योंकि इससे किसानों के खेत में 400 केवी या उससे अधिक ट्रान्समिशन लाइनों के निर्माण करते समय होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सकेगी। यह संशोधित मुआवजा नीति 8 नवंबर 2024 से प्रभावी है। इसके अंतर्गत 132 केवी या उससे अधिक क्षमता की नई ट्रान्समिशन लाइनों के निर्माण पर आंशिक रूप से पुराने नियमों में संशोधन किया गया है।
उपभोक्ताओं को अच्छी गुणवत्ता की बिजली मिल सकेगी
सभी कार्यान्वयन एजेंसियों (पारेषण लाइसेंसधारी), पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन और सभी निजी कंपनियों पर लागू होगी, जो 400 केवी या उससे अधिक क्षमता की ट्रान्समिशन लाइनों का निर्माण करते हैं, ये संशोधित पथाधिकार (ROW) मुआवजा नीति लागू होगी। यह नीति अन्तरराज्यीय और अंतःराज्यीय पारेषण लाइनों पर लागू होगी। ट्रान्समिशन लाइन का निर्माण, स्थापना, संचालन और रखरखाव पथाधिकार भूमि पर होता है। यह ट्रांसमिशन लाइन पथाधिकार (ROW) का केंद्र है। पथाधिकार बिजली लाइनों में बाधा डालने वाले पेड़ों, संरचनाओं और निर्माणों को हटाता है। इससे राज्य में अधिक क्षमता की ट्रान्समिशन लाइनों का निर्माण कार्य तीव्र गति से संपादित किया जा सकेगा, जिससे स्थानीय उपभोक्ताओं को अच्छी गुणवत्ता की बिजली मिल सकेगी।
संशोधित नीति के तहत, ट्रांसमिशन टावरों के आधार क्षेत्र (Footprint Area) के लिए जिला स्तरीय समिति (DLC) दरों पर निर्धारित भूमि मूल्य के 200% अतिरिक्त मुआवजा का प्रावधान किया गया है। टावर का आधार क्षेत्र भूतल पर चारों पैरों से घिरा हुआ क्षेत्र और प्रत्येक पैर से एक मीटर का अतिरिक्त विस्तार होगा। इसके साथ ही, पथाधिकार (Right of Way – ROW) कॉरिडोर के लिए भी क्षेत्रीय श्रेणियों के अनुसार मुआवजा निर्धारित किया गया है:
ग्रामीण क्षेत्रों में: भूमि मूल्य का 30%
नगर पालिका व अन्य शहरी नियोजन क्षेत्रों में: भूमि मूल्य का 45%
महानगरों और नगर निगमों में: भूमि मूल्य का 60%