पेट में जाकर कैसे घुलता है कैप्सूल का भारी हिस्सा, जाने कारण
विज्ञान के विकास के साथ, लोगों के जीवन में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार हुआ है। यहां तक कि अब बेहतर इलाज और दवाएं भी उपलब्ध हैं, न केवल रोगी की स्थिति को बेहतर बनाने में, बल्कि उनके खानपान और रहन-सहन में भी सुधार करने में मदद करने के लिए।
Saral Kisan - विज्ञान के विकास के साथ, लोगों के जीवन में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार हुआ है। यहां तक कि अब बेहतर इलाज और दवाएं भी उपलब्ध हैं, न केवल रोगी की स्थिति को बेहतर बनाने में, बल्कि उनके खानपान और रहन-सहन में भी सुधार करने में मदद करने के लिए। कई बार दवाओं के बारे में विचार करने पर यह सवाल उत्पन्न होता है कि दवाइयों के आवरण, जिन्हें हम कैप्सूल कहते हैं, पेट में कैसे घुलते हैं और कैसे वे काम करते हैं। इस लेख में, हम आपको कैप्सूल से जुड़ी दिलचस्प जानकारियां देंगे:
कैप्सूल के आवरण का महत्व:
कैप्सूल में दवा का आवरण क्यों होता है, इसके पीछे एक आवश्यक कारण है। यह आवरण दवा को खाने के लिए आसान बनाता है। बहुत सी दवाएं ऐसी होती हैं जो सीधे पेट में पहुँचती हैं और उनका प्रभाव खराब हो जाता है। इसके बजाय, कैप्सूल में दवा का आवरण होता है, जिससे वह पेट में जाकर खुलता है, और इसके बाद वह जल्दी से प्रभावित होता है।
कैप्सूल के आवरण की सामग्री:
कैप्सूल के बाहरी आवरण को छूने पर वह प्लास्टिक जैसा लग सकता है, लेकिन वास्तव में यह प्लास्टिक से नहीं, बल्कि जिलेटिन से बना होता है। जिलेटिन एक प्रकार का प्रोटीन होता है और यह स्वाद-रहित, पारदर्शी, रंगहीन, और खनिजों के एक अच्छे स्रोत के रूप में कार्य करता है। जिलेटिन मुख्य रूप से जानवरों की हड्डियों और उनके अंगों से प्राप्त किया जाता है और इसे प्रोसेस के द्वारा चमकदार और लचीला बनाया जाता है।
कैप्सूल कैसे पेट में घुलता है:
कैप्सूल को इस तरीके से डिज़ाइन किया जाता है कि यह पेट में जाने पर तुरंत घुलने लगता है। इसके लिए पेट की गर्मी और एसिड के तमाम कारक जिम्मेदार होते हैं। कैप्सूल के घुलने के बाद, उसमें से दवा शरीर में अपना प्रभाव दिखाने लगती है।
जिलेटिन का उपयोग:
जिलेटिन से कैप्सूल के बाहरी आवरण का निर्माण होता है, लेकिन इसका उपयोग केवल इसके लिए ही नहीं होता है। यह बहुत सारे खाद्य पदार्थों को बनाने में भी प्रयोग किया जाता है, जैसे पाउडर, जेली, और अन्य। जिलेटिन प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है, और यह तांबा, सेलेनियम, फास्फोरस, विटामिन, और खनिजों का भी अच्छा स्रोत होता है। इसके अलावा, कुछ कैप्सूल्स का आवरण सेल्युलोज से भी बनता है, जो की वेजिटेरियन होते हैं और धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं करते हैं
ये पढ़ें : उत्तर प्रदेश के अयोध्या से दिल्ली तक लगेंगे अब सिर्फ 75 मिनट, जनता की हुई मौज