हरियाणा में हजारों कर्मचारियों की प्रमोशन का रास्ता हुआ साफ, साल 2014 में बनी थी पॉलिसी
Haryana News : हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार के दौरान साल 2014 की पॉलिसी के तहत पके हुए कर्मचारियों को राहत की खबर मिली है। इन कर्मचारियों के पदोन्नति पर लगी रोक को हटा दिया गया है। इसके साथ ही करीबन 5000 कर्मचारियों के पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया है। लेकिन यह पदोन्नतियां सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगी।
मानव संसाधन विभाग के मुख्य सचिव ने इस संबंध में सभी प्रशासनिक सेवा विभाग, अध्यक्ष बोर्ड, निगम के प्रबंध निदेशक और मुख्य प्रशासक पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्टर, मंडला युक्त और उपायुक्तों को निर्देश जारी करते हुए बताया है।
2014 में बनी थी परमानेंट की पॉलिसी
साल 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के लिए तीन अलग-अलग पॉलिसी बनाई गई थी। पहले पॉलिसी 18 जून 2014 को बनाई गई जिसमें 3 साल पूरे करने वाले करीब 5000 कर्मचारियों को पक्का किया गया था।
जुलाई में फिर एक नई पॉलिसी बनाई गई जिसमें 31 दिसंबर 2018 तक 10 साल पूरे करने वाले कर्मचारियों को नियमित करने की व्यवस्था की गई थी। इसके बाद यह मामला कोर्ट में चला गया था।
2016 में कर्मचारियों को हटाने के निर्देश
साल 2018 में हाईकोर्ट ने 2014 की नियमितीकरण पॉलिसी पर रोक लगाते हुए 2016 में पके हुए 5000 कर्मचारियों के साथ अनुबंध पर काम करते हुए दूसरे सभी कर्मचारियों को हटाने के आदेश जारी किए थे। जस्टिस सूर्यकांत वे जस्टिस संदीप अहलूवालिया मैं सोनीपत निवासी योगेश त्यागी व अन्य की यशिकाओं को सही माना जिसमें तर्क दिया तक गया था कि कच्चे कर्मचारियों की नियुक्ति करते हुए किसी भी नियम का पालन नहीं किया गया। इन कर्मचारियों को पक्का करना सीधे तौर पर बैक डोर से एंट्री है।
क्या बोली सुप्रीम कोर्ट
जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट के पास चला गया तो 26 नवंबर 2018 को यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश जारी किया गया। इसके बाद प्रदेश सरकार ने 18 जून 2020 को इन कर्मचारियों के पदोन्नति पर रोक लगा दी थी। विगत 6 फरवरी को सर्वोच्च न्यायालय ने मदन सिंह एवं हरियाणा राज्य एवं अन्य मामलों के बीच जनहित में जारी कई याचिकाओं को जोड़कर देखा गया तो 2014 नियमित कर गए कर्मचारियों की पदोन्नति की जाएं। सरकार ने फैसले से प्रभावित कर्मचारियों की पदोन्नति पर रोक हटा दी है।