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Gurugram: विश्व बैंक के अध्ययन के बाद दिसंबर में मेट्रो प्रोजेक्ट शुरू होने का अनुमान

विश्व बैंक की टीम के अध्ययन के आधार पर गुरुग्राम में मेट्रो का विस्तार किया जाएगा। इससे पता चल सकेगा कि स्टेशनों के आसपास क्या सुविधाएं बनाने की जरूरत है। अध्ययन का मुख्य उद्देश्य होगा कि लोगों को मेट्रो सेवाओं का अधिक से अधिक उपयोग करना होगा।

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Gurugram: Metro project expected to start in December after World Bank study

Saral Kisan News : विश्व बैंक की टीम के अध्ययन के आधार पर गुरुग्राम में मेट्रो का विस्तार किया जाएगा। इससे पता चल सकेगा कि स्टेशनों के आसपास क्या सुविधाएं बनाने की जरूरत है। अध्ययन का मुख्य उद्देश्य होगा कि लोगों को मेट्रो सेवाओं का अधिक से अधिक उपयोग करना होगा। उदाहरण के लिए, स्टेशनों के निकट रहने वाले लोग बस या कार से आसानी से पहुंचने पर इस सुविधा का उपयोग करेंगे।

विश्व बैंक की टीम ने पुराने गुरुग्राम में मेट्रो का विस्तार किया। इससे पता चल सकेगा कि स्टेशनों के आसपास क्या सुविधाएं बनाने की जरूरत है।

अध्ययन का मुख्य उद्देश्य होगा कि लोगों को मेट्रो सेवाओं का अधिक से अधिक उपयोग करना होगा। उदाहरण के लिए, स्टेशनों के निकट रहने वाले लोग बस या कार से आसानी से पहुंचने पर इस सुविधा का उपयोग करेंगे। ताकि स्टेशनों का डिजाइन बनाना आसान हो, टेंडरिंग की प्रक्रिया शुरू करने से पहले अध्ययन पूरा किया जाएगा।

अध्ययन और टेंडरिंग प्रक्रिया पूरी होने में लगभग दो से ढ़ाई महीने लगेंगे। दिसंबर से जमीनी स्तर पर काम शुरू होगा। योजना को तीन साल के भीतर पूरा करने के लिए दो भागों में विभाजित करके टेंडर जारी करने का भी विचार चल रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि दो से तीन पैकेज में काम करना चाहिए। इससे काम तीन साल के भीतर तैयार हो जाएगा।

केंद्र सरकार ने मेट्रो विस्तार का बजट मंजूर किया है। 28.5 किलोमीटर लंबे इस परियोजना पर 5,452 करोड़ रुपये खर्च होंगे। विश्व बैंक भी इसमें से कुछ लोन देगा। यही कारण है कि विश्व बैंक चाहता है कि परियोजना ऐसे हो कि अधिक से अधिक लोग मेट्रो सेवा का लाभ उठा सकें।

विश्व बैंक इसका अध्ययन करने के लिए एक कंसल्टेंट नियुक्त करेगा। रास्ते में कुल 27 स्टेशन होंगे। योजना पूरी होने पर कारिडोर रिंगमेन प्रणाली की तरह बन जाएगा। इसका लाभ यह होगा कि लोग किसी भी स्टेशन पर जा सकेंगे। 10 लाख से अधिक लोग सीधे लाभ उठाएंगे।

मेट्रो का विस्तार मिलेनियम सिटी सेंटर गुरुग्राम मेट्रो स्टेशन से नए कारिडोर पर होगा। आगे सेक्टर-45, साइबर पार्क, सेक्टर-47, सुभाष चौक, सेक्टर-48, सेक्टर-72A, हीरो होंडा चौक, उद्योग विहार फेज-छह, सेक्टर-10, सेक्टर-37 बसई गांव, सिटी-9, सिटी-7, सिटी-4, सिटी-5 शहरों साइबर सिटी, शोक विहार, सेक्टर तीन, बजघेड़ा रोड, पालम विहार एक्सटेंशन, पालम विहार, सेक्टर 23ए, सेक्टर 22 और उद्योग विहार फेज चार और पांच में स्टेशन बनाए जाएंगे।

दिल्ली के द्वारका सेक्टर-21 को पालम विहार इलाके से जोड़ने के लिए भी कारिडोर बनाया जाएगा। इससे दिल्ली एयरपोर्ट से गुरुग्राम की कनेक्टिविटी बढ़ेगी।

नए कारिडोर पर हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (HMRC) की मेट्रो चलेगी, न कि दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन की। शुरुआत में 35 मेट्रो बनाए जाएंगे। यात्रियों की संख्या बढ़ने पर मेट्रो भी बढ़ेगी। चार से साढ़े चार मिनट के अंतराल पर मेट्रो सेवा दी जाएगी।

दिल्ली मेट्रो सेवा केवल नए गुरुग्राम क्षेत्र तक सीमित है। DMRC के केवल पांच स्टेशन गुरुग्राम क्षेत्र में हैं। मेट्रो का विस्तार मिलेनियम सिटी गुरुग्राम मेट्रो स्टेशन से होगा, जो पहले हुडा सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन था।

पुराने गुरुग्राम में HMRTC का निर्माण और संचालन होगा. यह न केवल HMRTC को कारिडोर विकसित करेगा, बल्कि मेट्रो भी खुद चलाएगा। इसके लिए भी, कंपनी को आपरेटर बनाने पर जोर दिया जा रहा है। एचएमआरटीसी ने आपरेटर की कमी के कारण डीएमआरसी को रैपिड मेट्रो का संचालन दे दिया है। जीएमडीए में मेट्रो परियोजना की नोडल आफिसर प्रिया सरदाना ने कहा कि परियोजना को बेहतर से बेहतर बनाने का प्रयास है। इसलिए, जमीन पर काम शुरू करने से पहले कई विषयों का गहन अध्ययन किया जा रहा है।

डॉ. डीपी गोयल, रेलवे सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य, कहते हैं कि मेट्रो विस्तार से गुरुग्राम की छवि बदल जाएगी। एक झटके में ट्रैफिक लोड काफी कम हो जाएगा। इससे भी प्रदूषण कम होगा। योजना को दो से तीन भागों में बांटकर काम करें। इससे काम को समय से पहले पूरा किया जा सकेगा।

राव विवेक सिंह, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स के चेयरमैन, ने कहा कि परियोजना को कई भागों में बांटने से कंपनियों पर बेहतर से बेहतर काम करने का दबाव रहता है। साथ ही प्रोजेक्ट जल्दी पूरा होगा। मेट्रो का विस्तार बहुत देर से हुआ है। योजना को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए, अब इसे दो से तीन भागों में बांटकर काम करना चाहिए।

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