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उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए ख़ुशखबरी, बकाया होने पर भी केटेगरी बदलना हुआ आसान

UP Bijli : उत्तर प्रदेश में पावर कॉरपोरेशन ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें बताया है कि अगर उपभोक्ता बिजली का बिल भुगतान नहीं कर रहे हैं, फिर भी उपभोक्ता कनेक्शन की कैटिगरी को बदल सकते हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जांच करते समय घरेलू कनेक्शन लेकर बिजली का वाणिज्य इस्तेमाल किया जाता था। ऐसी स्थिति में, उपभोक्ता को चेकिंग के दौरान वाणिज्य बिजली कनेक्शन के हिसाब से भुगतान करना पड़ता था। मगर, अभी ग्राहक इन सुविधाओं से कनेक्शन की कैटिगरी बदल सकेंगे।
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उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए ख़ुशखबरी, बकाया होने पर भी केटेगरी बदलना हुआ आसान

Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश में पावर कॉरपोरेशन ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें बताया है कि अगर उपभोक्ता बिजली का बिल भुगतान नहीं कर रहे हैं, फिर भी उपभोक्ता कनेक्शन की कैटिगरी को बदल सकते हैं। बिजली विभाग में बहुत बार ऐसे मामले आते थे, जिसमें अगर एक ग्राहक के द्वारा वाणिज्य बिजली कनेक्शन लिया हुआ है और ग्राहक अपना काम बंद करने के साथ ही अपने वाणिज्य बिजली कनेक्शन को घरेलू कनेक्शन में बदलना चाहता है, तो ग्राहक को पहले वाणिज्य बिजली कनेक्शन का बकाया देना पड़ता था। कई बार ग्राहक पैसे की कमी होने की वजह से पुराना बिल नहीं भर पाता था। ऐसे में, उपभोक्ता का बिल वाणिज्य बिजली दर से बढ़ता था और ग्राहक का कनेक्शन घरेलू नहीं हो सकता था।

उपभोक्ता बदल सकेंगे, कनेक्शन की कैटेगरी

बिजली विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जांच करते समय घरेलू कनेक्शन लेकर बिजली का वाणिज्य इस्तेमाल किया जाता था। ऐसी स्थिति में, उपभोक्ता को चेकिंग के दौरान वाणिज्य बिजली कनेक्शन के हिसाब से भुगतान करना पड़ता था। मगर, अभी ग्राहक इन सुविधाओं से कनेक्शन की कैटिगरी बदल सकेंगे।

बिजली विभाग चलाएगा, विशेष अभियान

पावर कॉरपोरेशन पूरे राज्य में अभियान चलाएगा जिसमें घरेलू कनेक्शन पर वाणिज्य बिजली गतिविधियां कर रहे उपभोक्ताओं के कनेक्शन की कैटिगरी बदली जाएगी। यूपी में बहुत से उपभोक्ता घरेलू कनेक्शन लेकर उसका वाणिज्यिक उपयोग कर रहे हैं, जिससे बिजली का बिल कम आता है और बिजली विभाग को नुकसान उठाना पड़ता है।

बिजली विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत में वाणिज्य बिजली कनेक्शन का औसत 15 फीसदी से अधिक है। वहीं, ये औसत उत्तर प्रदेश जिले में 10 से 12 फीसदी हैं। इसके आलावा, बहुत से जिलों में वाणिज्य बिजली कनेक्शन औसत 10 फीसदी से भी कम हैं। ऐसे में अभियान चलाकर कनेक्शन की कैटिगरी बदलनी होगी।

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