Uttarakhand में यहां बनेगी 18 किलोमीटर लंबी फोरलेन बायपास एलिवेटेड सड़क, 2145 करोड़ होंगे ख़र्च
Uttarakhand News : ऋषिकेश चार धाम यात्रा को लेकर काफी महत्वपूर्ण है। चार धाम यात्रा के दौरान लोग श्रीनगर देवप्रयाग, रूद्रप्रयाग, ऋषिकेश से होकर गुजरते हैं। 18 किलोमीटर लंबा प्रस्तावित बाईपास फोरलेन एलिवेटेड रोड और यह पांच टनल से होकर गुजरेगा।
Latest Uttarakhand News : चार धाम यात्रा को लेकर तैयारी चल रही है। ऋषिकेश बाईपास निर्माण को लेकर योजना तैयार कर ली गई हैं. बता दें कि चार धाम यात्रा मार्ग पर ऋषिकेश बाईपास निर्माण को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। इस मार्ग पर जब चार धाम यात्रा पीक पर होती है तो उसे वक्त इस सड़क मार्ग पर चलना काफी मुश्किल हो जाता है। इस मार्ग पर लोगों को आए दिन जाम की परेशानी से गुजरना पड़ता है। सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए ऋषिकेश बाईपास की योजना तैयार की गई है। नेपाली फार्म से लेकर ब्रह्मपुरी तक लगभग 18 किलोमीटर लंबा प्रस्तावित फोरलेन एलिवेटेड रोड पांच टनल से होकर गुजरेगा। इस मार्ग को ब्रह्मपुरी तक इस योजना में शामिल किया गया है। लेकिन जाम की समस्या तो शिवपुरी तक बनी रहती है। इस महत्वपूर्ण परीयोजना पर 2145 से करोड़ से ज्यादा की लागत होगी।
दो प्रोजेक्ट तैयार
ऋषिकेश बाईपास पर दो परियोजनाएं बनाई गई हैं। पहले, नेपाली फार्म से श्यामपुर रेलवे क्रॉसिंग तक फोरलेन एलिवेटेड रोड बनाया जाएगा। 10.88 किमी योजना में सिर्फ समतल क्षेत्र होगा। यह काम लगभग 1445.66 करोड़ रुपये का खर्च करेगा। एलिवेटेड रोड खत्म होने पर टनल शुरू होगा।
पांच टनल का होगा निर्माण
ढालवाला टी जंक्शन से ब्रह्मपुरी तक सात किमी की दूरी पर पांच टनल बनाए जाएंगे। इसमें 750 मीटर लंबी एक टनल, 100 से 100 मीटर की दो टनल, 200 से 300 मीटर की चार टनल बनाई जाएगी। इस टनल की लंबाई 1.45 किमी होगी। इस काम पर 700 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
वाहनों के दबाव का किया गया अध्ययन
ऋषिकेश बाईपास योजना बनाने से पहले वाहनों के दबाव का भी अध्ययन किया गया है। रिपोर्ट बताती है कि नेपाली फार्म से श्यामपुर तक 44,600 वाहन चले हैं। 2044 तक यह 66 हजार हो जाएगा। जैसे गुमानीवाला से नटराज 21 हजार है, बीस साल में यह 28400 होगा। इसी तरह, नटराज-ढालवाला में 26,900 है, जिसका अनुमान है कि 38 हजार होगा। ऋषिकेश बाईपास को एक एलिवेटेड फोर लेन राजमार्ग और टनल बनाने की योजना है। डीपीआर तैयार है। High Power Commission भी देख रही है। योजना उनकी सलाह के बाद बनाई जाएगी।