उत्तर प्रदेश में पहली बार सेटेलाइट से खोजी गई 17000 वेटलैंड, इससे पहले पूरे प्रदेश में 100 वैटलैंड्स का था रिकॉर्ड
Saral Kisan ( New Delhi ) : उत्तरप्रदेश में पहली बार सेटेलाइट के जरिए 17 हजार वैटलैंड्स (जलमग्न या आर्द्रभूमि) की खोज की गई है। अब उप्र आर्द्र भूमि प्राधिकरण पूरे प्रदेश में इनको चिन्हित करा रहा है। ग्राउंड टूथिंग एप के जरिए वन विभाग की टीमें इसका चिन्हांकन करेंगी। भूजल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए पहली बार तरह की कार्यवाही शुरू की गई है।
आज के समय में मानवजनित गतिविधियों के कारण पर्यावरण पर होने वाले दुष्प्रभाव जग विख्यात हैं। सभी पारिस्थितिकी तंत्रों (इकोसिस्टम) इन दुष्प्रभावों से प्रभावित हैं। यदि वेटलैंड्स की बात करें, तो ग्लोबल वेटलैंड आउटलुक (रामसर कन्वेंशन) के अनुसार विश्व के 35 प्रतिशत वेटलैंड्स 1970-2015 के बीच लुप्त हो गए हैं। बाकी वेटलैंड्स लुप्त व नष्ट होने के कगार पर हैं। इस वजह से जीव-जंतुओं, पशु-पक्षियों पर भी असर आया है। इनमें से कई प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं। भूजल का स्तर भी गिरा है।
वेटलैंड की परिभाषा
जलमग्न अथवा आर्द्रभूमि (वेटलैंड) का अर्थ है ऐसी प्राकृतिक अथवा कृत्रिम, स्थायी अथवा अस्थायी, पूर्णकालीन आर्द्र अथवा अल्पकालीन, स्थिर जल अथवा अस्थिर जल, निकाय, अथवा समुद्री जल। स्वाम्प, मार्श, मैंग्रोव, बोग, पीट्लैंड, फैंन, यहाँ तक की डेल्टा, धान के खेत, मत्स्य पालन जलाशय आदि भी वेटलैंड के अन्तर्गत आते हैं।
अब तक पूरे प्रदेश में फॉरेस्ट एरिया की 100 वैटलैंड्स का ही था रिकार्ड
पूरे प्रदेश में अब तक फॉरेस्ट एरिया की 100 वैटलैंड्स रिकार्ड में दर्ज हैं। अब सेटेलाइट सर्वे के बाद इस संख्या में वृद्धि हो सकती है। डीएफओ, दिवाकर वशिष्ठ ने कहा कि केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्रालय के निर्देशन में हुए सेटेलाइट सर्वे से 17 हजार वैटलैंड्स चिन्हित हुई हैं। अब जिलास्तर पर भी इनका जीआईएस सर्वे कराया जा रहा है।
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