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उत्तर प्रदेश में कोहरे का कहर, फ्लाइट हुई निरस्त, ट्रेन चल रही लेट

UP News : उत्तर प्रदेश में घने कोहरे के चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मौसम का असर शुक्रवार को चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट आने वाले विमानों और रेल सेवाओं पर पड़ा। घने कोहरे के चलते कई उड़ानें निरस्त हो गईं और साथ ही ट्रेनें भी देरी से पहुंची। कोहरे के चलते अब तो फसल पर भी इसका असर पड़ रहा है।
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Fog wreaks havoc in Uttar Pradesh, flights cancelled, trains running late

Saral Kisan : उत्तर प्रदेश में घने कोहरे के चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। घने कोहरे के चलते अब यातायात पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। मौसम का असर शुक्रवार को चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट आने वाले विमानों और रेल सेवाओं पर पड़ा।

इंडिगो के विमान हुए निरस्त। वहीं, ट्रेनें भी देर से आईं। आगरा से शाम पांच बजे आने वाला इंडिगो का विमान और प्रयागराज से शाम 5:15 बजे आने वाला विमान निरस्त रहा।

कैंसिल हुई ये फ्लाइट्स

घने कोहरे के चलते वाराणसी से रात 9:20 बजे आने वाला इंडिगो का विमान भी निरस्त कर दिया गया। लखनऊ-गुवाहाटी इंडिगो का विमान 6ई-146, लखनऊ-प्रयागराज का विमान 6ई-7935 , दोपहर 3:30 बजे का लखनऊ-चंडीगढ़ और लखनऊ-आगरा, लखनऊ-वाराणसी, लखनऊ-इंदौर का भी विमान निरस्त रहा।

इन ट्रेनों पर पड़ा कोहरे का असर

नई दिल्ली से आने वाली गोमती एक्सप्रेस शुक्रवार को छह घंटे देरी से आयी। जम्मूतवी -हावड़ा हिमगिरी एक्सप्रेस 5:30 घंटे, अयोध्या कैंट-आनंद विहार वंदे भारत एक्सप्रेस 1:30 घंटे, राजधानी एक्सप्रेस तीन घंटे, बेगमपुरा एक्सप्रेस चार घंटे, चंडीगढ़ लखनऊ एक्सप्रेस तीन घंटे देरी से आयीं।

फसल पर दिख रहा असर

इसके साथ ही फसलों पर भी पाला का असर देखने को मिल रहा है। शुक्रवार को दोपहर बाद हुई बारिश अरहर, मसूर चना, मटर की फसलों के लिए वरदान बनकर आई है। हालांकि आलू पर बारिश का प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। गेहूं की पछेती फसल को बारिश से फायदा होगा।

फसलें हुई झुलसा रोग से ग्रसित

बख्शी का तालाब के चंद्रभानु गुप्ता कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय के विशेषज्ञ डा. सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि बारिश से आलू की पत्तियों पर जगह-जगह पानी रुकेगा और भूरे रंग के धब्बे पड़ने लगेंगे। यह झुलसा रोग का लक्षण है। इससे फसल को बचने के लिए किसानों को फफूंदीनाशक मैकोंजेब 75 प्रतिशत डब्ल्यूजी की तीन ग्राम मात्रा को एक लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए। टमाटर, बैंगन, शिमला, मिर्च, बींस, गोभी, कद्दू व पत्ता गोभी की निगरानी करते रहें, बारिश से इन फसलों पर भी बीमारी का खतरा बढ़ता है।

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