Expressway : दिल्ली-NCR के इन एक्सप्रेसवे पर बनाए जाएंगे हैलीपैड, बैठक में बनी सहमति
Saral Kisan : देश में इस वक्त रोज नए नए हाईवे और एक्सप्रेस वे का शिलान्यास या उद्घाटन हो रहा है. सभी बड़े शहरों को आपस में जोड़ने के लिए कई एक्सप्रेस वे प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है. इन एक्सप्रेस वे के निर्माण से देश के बड़े शहरों के बीच रफ्तार को लेकर एक नई क्रांति आने वाली है. इसके साथ ही यात्रा के समय में कमी और कनेक्टिविटी में सुधार होने की उम्मीद है. ये एक्सप्रेस वे कई हाईटेक सुविधाओं से लैस है. एक रिपोर्ट के मुताबिक इस वक्त देश में 4000 किमी से अधिक लंबे एक्सप्रेस वे हैं. इसके अलावा 10 से अधिक एक्सप्रेस वे प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है.
इसमें सबसे प्रमुख है, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे, द्वारका एक्सप्रेस वे, मुंबई-नागपुर एक्सप्रेस वे, गंगा एक्सप्रेस वे, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस वे, अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेस वे, नर्मदा एक्सप्रेस वे और रायपुर विशाखापट्टनम एक्सप्रेस वे, ये सभी एक्सप्रेस वे अपने निर्माण के अंतिम चरण में हैं. आपात स्थिति में घायलों को जल्द से जल्द मदद पहुंचाने के लिए दिल्ली एनसीआर में एक्सप्रेसवे किनारे हेलीपैड बनाने का फैसला लिया गया है.
इन एक्सप्रेस वे पर बनाए जाएंगे हेलीपैड
पहले चरण में ईस्टर्न वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के किनारे हेलीपैड बनाए जाएंगे. उसके बाद अन्य एक्सप्रेसवे पर भी काम शुरू किया जाएगा. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और हरियाणा सरकार ने हाल ही में एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के अधिकारियों के साथ एक बैठक में इस पर सहमति जताई है. इसमें इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन, नई इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाने और एक्सप्रेसवे और एनएच को इंटरकनेक्ट करने जैसे कई मुद्दों पर काम तेज करने पर भी सहमति बनी है.
यहां भी हेलीपैड बनाने की है योजना
एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के किनारे कोई हेलीपैड नहीं है, जबकि वर्तमान में नवनिर्मित एक्सप्रेसवे के किनारे हेलीपैड का निर्माण किया जा रहा है. जिसके चलते हरियाणा सरकार वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के किनारे भी जल्द हेलीपैड बनाने को तैयार है. मौजूदा वक्त में दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर भोजपुर से पहले एक हेलीपैड बना है. उधर, दिल्ली से देहरादून को जोड़ने वाले एक्सप्रेसवे पर भी बागपत में खेकड़ा से देहरादून के बीच तीन से चार जगहों पर हेलीपैड बनाने की योजना है.
कितनी दूरी पर होने चाहिए एक्सप्रेसवे
नए नियमों के मुताबिक, एक्सप्रेसवे के किनारे 30-50 किलोमीटर की दूरी पर हेलीपैड बनाया जाना चाहिए ताकि किसी बड़ी दुर्घटना की स्थिति में एक्सप्रेसवे के किनारे एयर एंबुलेंस के जरिए घायलों का रेस्क्यू किया जा सके. वहीं, आसपास के शहरों में भी आपात स्थिति में मरीजों को एयर एंबुलेंस के जरिए कम समय में शिफ्ट किया जा सकेगा.
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