छत्तीसगढ़ के मजदूरों की हुई मौज, सरकार खोलेगी प्रवासी संसाधन केंद्र

Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ सरकार देश के 10 राज्यों में 23 प्रवासी संसाधन केंद्र खोलने जा रही है। इन केंद्रों के खुलने के बाद छत्तीसगढ़ के निवासी श्रमिक अगर इन राज्यों में काम कर रहे हैं, तो उन्हें राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा। केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने इन केंद्रों को हरी झंडी दे दी है। मंडाविया शनिवार को छत्तीसगढ़ दौरे पर थे। इस दौरान श्रम विभाग की समीक्षा में यह बात सामने आई। राज्य के श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं। वहां उन्हें उस राज्य की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता और न ही वे छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं का लाभ उठा पाते हैं।
ऐसे में अगर उन राज्यों में हमारे प्रवासी संसाधन केंद्र खुल जाते हैं, तो श्रमिक आसानी से हमारी 30 योजनाओं का लाभ ले सकेंगे। मंडाविया ने कहा कि जिन राज्यों में श्रमिक ज्यादा जाते हैं, वहां यह योजना तुरंत शुरू की जानी चाहिए। विभाग के अनुसार इसके लिए तीन साल के लिए 31 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। साथ ही हर साल प्रत्येक केंद्र के लिए 45 लाख रुपए का बजट भी रखा जा रहा है। फिलहाल इसका नाम मार चिन्हारी भवन रखा गया है, लेकिन इसमें बदलाव भी किया जा सकता है।
श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए 30 तरह की योजनाएं संचालित करती है, इनमें से 5 इस प्रकार हैं
श्रमिकों की मृत्यु होने पर 1 लाख रुपए और दिव्यांग होने पर 50 हजार रुपए की सहायता।
महतारी जतन योजना के तहत महिला श्रमिकों को पहले दो बच्चों के जन्म पर 20 हजार रुपए।
श्रमिकों के बच्चों को पहली कक्षा से लेकर पोस्ट ग्रेजुएशन तक 500 रुपए से लेकर 15000 रुपए तक का वजीफा।
श्रमिक को गंभीर चोट 50 हजार रुपए की सहायता ।
अभी किराए पर खुलेंगे केंद्र
दिल्ली, पंजाब, गुजरात, हरियाणा, तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर में छत्तीसगढ़ के प्रवासी केंद्र खोले जाएंगे। फिलहाल ये केंद्र किराए के भवन में शुरू किए जाएंगे। फिर सभी राज्य सरकारों से जमीन मांगी जाएगी। जमीन मिलने के बाद भवन बनाए जाएंगे। केंद्रों पर हेल्प डेस्क से लेकर केंद्र प्रभारी तक नियुक्त किए जाएंगे। जिनका काम उस राज्य में काम कर रहे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों का डाटा तैयार करने से लेकर योजना का लाभ दिलाने तक होगा। अभी 10 केंद्र खोलेंगे, मांग पर दूसरे राज्यों में भी ऐसी सुविधा देंगे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को दूसरे राज्यों में किसी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। हमारा प्रयास है कि हमारे श्रमिक अगर दूसरे राज्यों में काम करते हैं तो उन्हें अपने राज्य की योजनाओं का लाभ जरूर मिले। इसी को ध्यान में रखते हुए 10 राज्यों में प्रवासी संसाधन केंद्र खोले जा रहे हैं। अगर आगे दूसरे राज्यों से मांग आती है तो हम वहां भी केंद्र खोलेंगे। लखनलाल देवांगन, श्रम मंत्री, छत्तीसगढ़ सरकार बीमारी के लिए 50 हजार रुपए तक की सहायता मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी योजना के तहत श्रमिकों के मेधावी बच्चों को 2 लाख रुपए दिए जाते हैं।
कोरोना में मजदूरों की दुर्दशा को देखते हुए तत्कालीन भूपेश सरकार ने 2021 में प्रवासी मजदूर नीति बनाई थी। इसके तहत दूसरे राज्यों में काम करने वाले हर मजदूर का डेटाबेस तैयार करने की योजना थी। इस डेटाबेस में प्रवासी मजदूरों के पहचान पत्र, मजदूर पंजीयन, बैंक खाता, आधार कार्ड आदि दस्तावेजों की पूरी जानकारी होगी। इसी आधार पर सरकार उस राज्य से समझौता करेगी, जहां मजदूर पलायन करेंगे, ताकि वहां के मजदूरों के अधिकार सुरक्षित हो सकें। नीति तो बनी, लेकिन ठंडे बस्ते में चली गई।