गूगल को चकमा दे कर फैल रहा गिरगिट, घुस जाता हैं एंड्रॉयड में, रखें इन बातों पर खास ध्यान
Saral Kisan, नई दिल्ली : शत्रु भी अपडेट होते जा रहे हैं जैसे-जैसे तकनीक बढ़ती जाती है। हाल ही में एंड्रॉयड फोन चलाने वालों को एक नए मोबाइल वायरस (मैलवेयर) ने डराया है। इस मैलवेयर का नाम कैमेलियन ट्रोजन है। हिन्दी में कैमेलियन को गिरगिट कहते हैं। यह वायरस किसी भी फोन के बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन मेथड को डिसेबल करके पिन चोरी कर सकता है। बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन मेथड्स में फेस अनलॉक और फिंगरप्रिंट शामिल हैं। एक बार पिन चोरी हो गया, इसका अर्थ है कि यूजर की सारी जानकारी चुराई गई है।
और अधिक जानने से पहले, इस ट्रोजन से बचने का तरीका जानिए। कैमेलियन से बचने के लिए कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। पहले, आपको किसी भी अनौपचारिक स्रोत से कोई ऐप इंस्टॉल नहीं करना चाहिए। नियमित रूप से डिवाइस सुरक्षा स्कैन करना भी महत्वपूर्ण है। तीसरी बात यह है कि गूगल प्ले प्रोटेक्ट, या Google Play Protect, को हमेशा अपने फोन में इंस्टॉल करके रखें।
गूगल को भी देता है चमका
2023 की शुरुआत में, कैमेलियन ट्रोजन, एक ग्रुप थ्रीटफैब्रिक (ThreatFabric) के रडार पर आया था, जो दुनिया भर में डिवाइसेज से उत्पन्न होने वाले जोखिमों की जांच करता था। यह सुरक्षा कंपनी का कहना है कि यह खतरनाक मैलवेयर खुद को वैध एंड्रॉयड ऐप्स, जैसे गूगल क्रोम, के साथ अटैच कर लेता है, इस प्रकार वह पहचाना या पकड़ा नहीं जा सकता। फोन में पहुंचने पर यह कोड बैकग्राउंड में चला देता है।
OS के नए संस्करण पर काम करता है
ब्लीपिंग कंप्यूटर की एक ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि मैलवेयर के खतरे पर काम करने वाले एक्सपर्ट्स का कहना है कि कैमेलियन ट्रोजन बंडल रन करते समय पहचाना नहीं जा सकता। इसलिए यह डिवाइस पर चल रहे Google प्रोटेक्ट अलर्ट और सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर को छोड़ देता है। मैलवेयर अनधिकृत रूप से एंड्रॉयड 12 और पहले संस्करण पर पहुंचने के लिए एक्सेसिबिलिटी सर्विस (Accessibility service) का उपयोग करता है; हालांकि, Google के नए सुरक्षा प्रतिबंधों के कारण यह ऑपरेटिंग सिस्टम के नए संस्करण पर थोड़ा अलग तरीके से काम करता है।
कैसे पता चलेगा कि फोन में वायरस है?
TCL, दुनिया भर में इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद बनाने वाली जानी-मानी वेबसाइट, इस बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करती है। यदि आपको लगता है कि आपके फोन में वायरस हो सकता है, तो आपको कुछ संकेत जानना चाहिए। यदि कोई संदेह है, तो फोन को फैक्ट्री में वापस ले जाना चाहिए। वायरस को भी वायरस स्कैनर का उपयोग करके हटाया जा सकता है। आज लगभग हर फोन में वायरस स्कैन का विकल्प इनबिल्ट है। TCL ने कहा कि निम्नलिखित परिस्थितियों में फोन में वायरस हो सकता है।
ये पढ़ें : UP News : 100 करोड़ की लागत से उत्तर प्रदेश के इस शहर में बनेगी 10 सड़कें, सफर होगा आसान