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इन छोटे छोटे कामों को करके आधार कार्ड को बना फुल प्रूफ सिक्योरिटी वाला, डेटा रहेगा बिल्कुल सेफ

आज आधार कार्ड बहुत महत्वपूर्ण दस्तावेज बन गया है। क्रिमिनल की नजर अब इस पर टिकी रहती है क्योंकि यह कई अन्य महत्वपूर्ण डॉक् यूमेंट्स के साथ जुड़ा हुआ है।

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By doing these small things, Aadhaar card becomes full proof security, data will remain absolutely safe.

Saral Kisan - आज आधार कार्ड बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बन गया है। क्रिमिनल की नजर अब इस पर टिकी रहती है क्योंकि यह कई अन्य महत्वपूर्ण डॉक् यूमेंट्स के साथ जुड़ा हुआ है। साइबर अपराधी आधार यूजर्स की लापरवाही का इंतजार करते हैं और छोटी सी गलती करके किसी के भी आधार का दुरुपयोग करते हैं, न केवल पैसे चोरी करते हैं, बल्कि इसका प्रयोग अन्य आपराधिक कार्यों में भी करते हैं। ऐसे में, आधार यूजर्स को इसे सुरक्षित रखने के उपायों को जानना बहुत महत्वपूर्ण है।

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने कहा कि आधार यूजर्स का डेटा सुरक्षित है। लेकिन कुछ लोग अभी भी आधार का गलत उपयोग करते हैं। यूजर्स की लापरवाही ऐसा आधार बनाती है। इसलिए, यूजर्स को हर आधार पर बहुत सावधान रहना चाहिए। आधार कार्ड को कोई भी दुरुपयोग नहीं कर सकता अगर वे कुछ मूल बातों का ध्यान रखते हैं।

दो पक्षीय विश्लेषण

आधार को बेहतर बनाने के लिए इसका मोबाइल नंबर और ई-मेल लिंक होना आवश्यक है। ऐसा होने पर आधार वेरिफिकेशन के लिए एक बार में एक पासवर्ड (OTP) की आवश्यकता होगी। लिंक मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा। OTP के बिना आधार वेरिफाई नहीं किया जा सकेगा। इससे आधार का दुरुपयोग नहीं होगा।

मुफ्त आधार कॉपी

जहां भी आधार कार्ड की फोटोकॉपी चाहिए, उसे दें। मास् क् ड आधार में सिर्फ अंतिम चार अंक हैं, न कि पूरा आधार संख्या। इससे आधार वेरिफिकेशन होता है, लेकिन पूरा आधार नंबर नहीं दिखता, इसलिए कोई इसका दुरुपयोग नहीं कर सकता।
 
बायोमेट्रीक लॉक 

Biometrics को बंद करके भी आधार को सुरक्षित रख सकते हैं। Biomechanical locks कहते हैं कि कोई व्यक्ति आपकी मर्जी के खिलाफ अपनी उंगलियों, उंगलियों या पुतलियों के निशान का इस्तेमाल नहीं कर सकता। आप UIDAI की वेबसाइट पर जाकर बायोमेट्रिक लॉक कर सकते हैं। Biomechanics बंद होने पर भी OTP-आधारित ऑथेंटिकेशन जारी रहता है।

वर्चुअल आईडेंटिटी

वर्चुअल आईडेंटिटी (VID) में एक टंपरेरी 16 अंकों की वचुर्अल आईडेंटिटी बनाई जाती है और आधार नंबर को छिपा दिया जाता है। यद्यपि इसमें यूजर का आधार नंबर नहीं बताया जाता है, लेकिन यह उसकी पहचान को प्रमाणित करता है। वीआईडी कुछ समय तक वैध रहता है। M-Aadhar, या वर्चुअल आईडेंटिटी आधार पोर्टल, बनाया जा सकता है।

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