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उत्तर प्रदेश के इन शहरों के बीच बिछाई जाएगी 420 किलोमीटर लंबी तीसरी रेल लाइन, सर्वे शुरू

तीसरी लाइन को मंजूरी मिल गई है। तीसरी लाइन को बनाने का कार्य चार फेज में किया जाएगा। इसके पहले फेज में गोंडा और बुढ़वल खंड के बीच का निर्माण कार्य किया जाएगा।
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उत्तर प्रदेश के इन शहरों के बीच बिछाई जाएगी 420 किलोमीटर लंबी तीसरी रेल लाइन, सर्वे शुरू
UP Railway : गोरखपुर के रास्ते बाराबंकी से छपरा तक जाने वाली तीसरी रेलवे लाइन का रास्ता साफ हो गया है। करीबन 420 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन पर तीसरी लाइन बिछाने का प्रोजेक्ट करीबन तैयार हो चुका है। रेलवे प्रशासन द्वारा तीसरी लाइन बिछाने के लिए कई फेज में सर्वे शुरू किया गया है। 

इस रेलवे लाइन पर आने वाले गोंडा और बुढ़वल खंड के बीच 714.34 करोड़ की लागत से 61.72 किलोमीटर की तीसरी लाइन को मंजूरी मिल गई है। तीसरी लाइन को बनाने का कार्य चार फेज में किया जाएगा। इसके पहले फेज में गोंडा और बुढ़वल खंड के बीच का निर्माण कार्य किया जाएगा। इस परियोजना के तहत दूसरे फेज में करनैलगंज से आगरा घाट करीबन 21.77 किलोमीटर, तीसरे फेज में घाघरा घाट से बुढ़वल 11.77 किलीमीटर और चौथे फेज में गोंडा जंक्शन से गोंडा कचहरी 4.88 किलोमीटर का कार्य पूरा किया जाएगा। 

गोंडा कचहरी से करनैलगंज तक करीबन 23.65 किलोमीटर की तीसरी लाइन का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। इस लाइन पर स्पीड ट्रायल करने के लिए 4 जुलाई तक तैयारी पूरी हो जायेगी। खलीलाबाद से बैतालपुर तक 85 किलोमीटर रेलवे लाइन का सर्वे पूरा किया जा चुका है। 

रेलवे जानकारों का बताना है कि बाराबंकी से छपरा तक डबल लाइन पर 110 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेन चल रही है। इसके साथ-साथ तीसरी लाइन भी 110 किलोमीटर की स्पीड से चलने वाली ट्रेनों के लिए तैयार की जा रही है। इसके साथ ही तीसरी रेल लाइन को भी बिजली से चलने वाला बनाया जाएगा। 

तीसरी रेल लाइन

इस रेल मार्ग पर आने वाले कैंट से डोमिनगढ़ तक तीसरी रेल लाइन का काम दिसंबर 2024 तक पूरा हो जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा बिछाई जा रही तीसरी रेल लाइन को 110 किलोमीटर की स्पीड के लायक बनाया जा रहा है। कैंट से कुसमही तक तीसरी रेलवे लाइन पर 110 किलोमीटर की स्पीड से ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया है। 

ट्रेनों का ठहराव कम होगा

तीसरी रेलवे लाइन का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद पूर्वोत्तर रेलवे की ट्रैक क्षमता बढ़ जाएगी। इसके बाद अधिक से अधिक ट्रेनों का संचालन किया जा सकेगा। पैसेंजर ट्रेन बिना किसी वादा के चल सकेगी। क्योंकि माल गाड़ियों के लिए एक अलग मार्ग तैयार हो जाएगा। गोरखपुर जंक्शन के आसपास वाले स्टेशनों पर बिना वजह ट्रेनों का ठहराव कम होगा और पैसेंजर ट्रेन समय से चल सकेंगी।

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