उत्तर प्रदेश में 96 गांवों से गुजरेगा 112 किलोमीटर का एक और हाईवे, यातायात का दबाव घटेगा

Uttar Pradesh : यूपी के कानपुर से मध्य प्रदेश के सागर तक एक राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का प्रस्ताव पास हो गया है। इस हाइवे को मंजूरी मिलने के बाद, कानपुर से महोबा तक के 96 गांवों की मानों लॉटरी लग गई है। भविष्य में इन इलाकों की छवि पूरी तरह से बदल जाएगी। केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस हाईवे के प्रस्ताव को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को डीपीआर बनाने की अनुमति दी है।
केंद्र सरकार ने इस राजमार्ग को 2021 में घोषित किया था। उस समय, रिंग रोड को रमईपुर में नेशनल हाईवे के समानान्तर कानपुर से सागर तक बनाकर महोबा के कबरई तक ले जाने का प्रबंध था। लेकिन अब यह परियोजना कानपुर नगर, फतेहपुर, हमीरपुर और महोबा के 96 गांवों में होगी। इससे सर्वेक्षक का कार्य भी पूरा हो गया है। इस पर भी जल्द ही काम शुरू होना चाहिए।
मुंबई जाने वालों की यात्रा होगी, आसान
इस ग्रीन हाइवे के बनने से कानपुर से सागर तक की यात्रा आसानी से हो जाएगी। इसके निर्माण से कानपुर-सागर हाईवे पर यातायात का दबाव कम होगा। आजकल कबरई से कानपुर के बीच नियमित दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इसलिए खूनी हाईवे भी कहा जाता है। ग्रीन हाईवे बनने से दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है।
इस हाईवे के निर्माण से होगा, 96 गांवों का विकास
इस ग्रीन हाईवे का निर्माण 96 गांवों को विकसित करेगा। क्षेत्रीय विकास, रोजगार के अवसर, पर्यटन, कृषि और उद्योग इन क्षेत्रों में बढ़ेंगे। इससे स्थानीय लोगों को भी फायदा होगा। इससे आर्थिक क्षेत्र मजबूत होगा। इन गांवों को चित्रित किया जाएगा।
ट्रैफिक से मिलेगा, छुटकारा
कानपुर-सागर हाईवे बनने से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र से आने-जाने वाले भारी वाहनों को सुविधा मिलेगी। इसके बनने से ट्रैफिक भी कम होगा। इस ग्रीन हाईवे की कुल लंबाई 112 किलोमीटर होगी। यह राजमार्ग कानपुर, महोबा, हमीरपुर और फतेहपुर से गुजरेगा।